जैसलमेर। जिले के पर्यावरण प्रेमीयों ने ओरण बचाने और ओरण की जमीन को रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की मांग को लेकर रामगढ़ तहसील के आगे बुधवार से दिया जा रहा धरना गुरुवार को समाप्त हुआ। ओरण बचाओ टीम के बैनर तले दिए जा रहे धरने पर बैठे गोविंद सिंह राघवा ने मांग कि है कि जिले की टनोट राय, घंटियाली माता व रनाऊ गांव से लगती सभी ओरण भूमि को रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज करवाया जाए। ताकि इन जमीनों का कोई दुरुपयोग नहीं हो।
गोविंद सिंह ने बताया कि जिले में टीम ओरण बचाने के लिए लगातार काम कर रही है। धार्मिक स्थलों कि जमीन को रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं। टीम का कहना है कि सरकार जैसलमेर जिले की ओरण की जमीनों को निजी कंपनियों को सौंप रही है। जिससे वनस्पति और पेड़ पौधे खतरे में आ गए हैं।
हमारे पूर्वजों ने जिन जमीनों को धार्मिक स्थलों के ओरण के नाम से छोड़ दिया था। वहां वे एक तिनका भी तोड़ना पाप समझते हैं। मगर सरकार की गलतियों की वजह से ये ओरण की जमीनें सरकार के रेवेन्यू रिकॉर्ड में ओरण के नाम से दर्ज नहीं हो पाई। वहीं इन ज़मीनों को सरकार निजी कंपनियों को अलोट कर रही है जो सरासर गलत है। इससे पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। साथ ही जीव जंतुओं को भी नुकसान हो रहा है। हम सबकी धार्मिक भावनाएं इन ओरण से जुड़ी है। ऐसे में हम चाहते हैं कि इन जमीनों को सरकार अपने रेवेन्यू रिकॉर्ड में ओरण के नाम से ही दर्ज करवाए।
सीएम के नाम दिया ज्ञापन
धरना स्थल पर ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री, जिला कलेक्टर को ज्ञापन प्रेषित कर मांग कि इन ओरण की पत्रावली पर आवश्यक कार्रवाई पूरी कर शीघ्र आवंटन के लिए सक्षम स्तर पर भेजीं जाएं। ग्रामीण गोविंद सिंह राघवा ने बताया कि पत्रावली के आंवटन के लिए आवश्यक औपचारिक पूरी कर राज्य सरकार को भेजा जाएं, अन्यथा मजबूरन क्षेत्र वासी उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी । इस दौरान धरना स्थल पर गोविंद सिंह राघवा, सुलेमान खान, गोमे खां, बाबू लाल वैष्णव रामगढ़, हरिराम सुथार रामगढ़, दलीप सिंह, रूगनाथ सिंह, श्याम सिंह, पवन सिंह आदि मौजूद रहे।