अजमेर। पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया रिश्तेदार के शादी समारोह में शामिल होने के लिए शनिवार को अजमेर पहुंचे। समारोह स्थल में जवानों की ओर से राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जिसने भी इस घटना को देखा होगा वह कई दिनों तक रात को सोचता ही रहेगा। घटना ने देश को दुख का अनुभव करवाया है। कटारिया ने इस मौके पर संविधान पर उठ रहे सवाल पर भी कहां की भारत का संविधान सही नहीं होता तो यह 17-18 चुनाव बिना हिंसा के नहीं होते।
पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने जयपुर में हुई घटना पर कहा कि कल की घटना न केवल राजस्थान ही नहीं पूरे देश को दुख का अनुभव हुआ। यह हादसा शायद कई वर्षों के बाद इस तरह का सुनने को मिला। घटना इतनी दर्दनाक थी कि जिसने भी देखा होगा वह कई दिनों तक रात को सोचता ही रहेगा। दुर्भाग्य यह है कि जिस बस और टैंकर में गैस भरी हुई था उसके कारण जो आगजनी हुई। उसके कारण आसपास के कई लोग और कई गाड़ियां भी उससे प्रभावित हुई। जो लोग अंदर थे वह निकल भी नहीं पाए। 12 लोगों की मौत अभी तक बताई जा रही है अभी कई लोग ऐसे हैं, जिनको बचा पाना आसान नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य इसमें देखने में आया था जिस गाड़ी ने एक्सीडेंट किया वह एक तरीके से रजिस्टर्ड ही नहीं थी। ऐसी गाड़ियों से जब हादसे हो जाते हैं तो सरकार को समझने के लिए बहुत पर्याप्त हो गया। ऐसी जो बिना रजिस्टर्ड गाड़ियां सड़कों पर चल रही है, उनको इस घटना के कारण से तुरंत एक्शन करना चाहिए। लेकिन व्यक्ति और ड्राइवर पर नहीं इसके जो मालिक है जिन्होंने इस प्रकार की गाड़ियां चला रखी है।
करण यही है कि मरने वालों को किसी प्रकार की सहायता कानूनी मिलना भी मुश्किल है। सरकार और केंद्र सरकार सहायता कर रही है, वह अलग बात है। लेकिन कानून की लड़ाई जब लड़ेंगे उसमें यह केस बहुत कमजोर होगा। मैं सोचता हूं यह घटना बहुत दुखद है, सबको दुख हो रहा है। भविष्य में इस प्रकार की घटना ना हो इसका कोई इंतजाम होना चाहिए।
संविधान पर उतरे सवाल पर बोले गुलाबचंद कटारिया
भारत के संविधान पर उठ रहे सवाल पर कटारिया ने कहा कि मैं सोचता हूं कि भारत का संविधान सही नहीं होता तो यह 17-18 चुनाव बिना हिंसा के हो गए। एक वोट से अटल जी लोकसभा में हार जाते और त्यागपत्र देकर शांति से बाहर आ जाते यह भारत के लोकतंत्र की महानता नहीं है क्या?
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी और संजय दोनों हार गए। तो भी सरकार छोड़कर निकल गए। हमारे यहां इस तरीके से जो बैठकर और समिति ने जो बनाया संविधान वह वेल प्रूफ है। उसके कारण से दुनिया में भारत के लोकतंत्र का चारों तरफ मान बऔर सम्मान होता है। छोटी-छोटी बातों को लेकर संविधान-संविधान। आवश्यक होगा तो उसमें प्रोविजन रखते हुए उसमें संशोधन करने के लिए भी कानूनी प्रावधान है।
प्रावधानों का पालन करके लोकतंत्र की इच्छा होगी तो उसमें अमेंडमेंट हो सकते हैं। इतने अमेंडमेंट हुए हैं आज तक पूर्व सरकार के समय भी हुए और इस सरकार में भी और आगे भी होंगे।