जनप्रतिनिधियों की अनदेखी का परिणाम, जिला अस्पताल को इस वर्ष नहीं मिले रेजिडेंट डॉक्टर
*-जिला अस्पताल में चिकित्सकों की कमी, रेजिडेंट डॉक्टर भी नहीं मिलने से बिगडे हालात*
*-गत वर्ष रविन्द्रनाथ टैगोर मेडीकल कॉलेज से मिले थे रेजीडेन्ट डॉक्टर, इस वर्ष पैथोलोजी विभाग को छोड कोई डाॅक्टर नहीं मिला*
*जिला अस्पताल में चिकित्सकों की भारी कमी, मरीज हो रहे परेशान*
शिवगंज (जैसाराम माली)। तत्कालीन सरकार के समय शिवगंज के सामुदायिक अस्पताल को जिला चिकित्सालय के रूप में क्रमोन्नत करने के एक साल बाद ही हालात बिगडने लगे है। वर्तमान में यह चिकित्सालय चिकित्सकों की भारी कमी झेल रहा है। जिसका असर यहां उपचार करवाने आने वाले मरीजों पर पड रहा है। हालात यह है कि जिस समय इसे जिला चिकित्सालय बनाया गया था उस समय काफी संख्या में रेजिडेंट डॉक्टर अस्पताल को उपलब्ध हुए थे, मगर इस वर्ष उदयपुर मेडीकल कॉलेज से एक भी रेजिडेंट डॉक्टर(प्रक्षिसु चिकित्सक) को नहीं लगाया गया है। दूसरा महत्वपूर्ण विभाग में जो चिकित्सक कार्य कर रहे थे,उनके तबादला करवा जाने के बाद उनकी जगह पर दूसरे चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं हुई है।
गौरतलब है कि जिला चिकित्सालय बनने के बाद यहां विभिन्न विभागों में 33 चिकित्सकों के पद सृजित किए गए थे। लेकिन वर्तमान में यहां केवल 17 चिकित्सक ही कार्य कर रहे है। ऐसे में इस चिकित्सालय में फिजीशियन के दो पद, शिशु रोग विशेषज्ञ के दो पद, अिस्थ रोग विशेषज्ञ के दो पद, रेडियोलोजी विभाग में एक पद, ईएनटी विभाग में एक पद, पैथोलॉजी विभाग में एक पद, सर्जरी विभाग में एक पद तथा नेत्र विभाग में एक पद रिक्त चल रहा है। इतना ही नहीं अस्पताल में नर्सिग कर्मचारियों के 55 पद स्वीकृत है इसके विपरित वर्तमान में केवल 26 पदों पर कार्मिक कार्यरत है।
इस साल नही मिले रेजिडेंट डॉक्टर
वैसे जिला अस्पताल का व्यविस्थत रूप से संचालन करने के लिए सरकार की ओर से मेडीकल कॉलेज से रेजिडेंट चिकित्सकों को कार्य पर लगाया जाता है। विगत वर्ष अस्पताल को पर्याप्त संख्या में रेजिडेंट चिकित्सक उपलब्ध हुए थे। लेकिन इस वर्ष जुलाई माह में रविन्द्रनाथ टैगोर मेडीकल कॉलेज उदयपुर की ओर से शिवगंज के अस्पताल को एक भी रेजिडेट चिकित्सक उपलब्ध नहीं करवाया गया। जबकि सांगवाडा, राजसमंद और नाथद्वारा के जिला अस्पतालों को पर्याप्त संख्या में रेजिडेट चिकित्सक उपलब्ध करवाए गए। ऐसे में शिवगंज अस्पताल की सारी व्यवस्थाएं इन 17 चिकित्सकों के भरोसे ही संचालित करनी पड रही है। इस वजह से इमरजेंसी सेवाए भी प्रभवित हो रही है। इस सेवा को संचालित करने के लिए वर्तमान में उपलब्ध चिकित्सकों को ही ड़यटी पर तैनात करना पड रहा है। जिससे ओपीडी की व्यवस्थाएं प्रभावित हो जाती है।
*डायलेसिस मशीन है पर टेक्नीशियन नहीं*
जिला अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों के लिए तीन डायलेसिस मशीन उपलब्ध है। मगर टेक्नीशियन नहीं होने से उसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल में आईसीयू एवं पीआईसीयू वार्ड भी है,जहां गंभीर रोगियों को भर्ती किया जा सकता है। लेकिन इस वार्ड के लिए प्रशिक्षित कर्मचारी एवं फिजीशियन सहित शिशु रोग विशेषज्ञ की कमी होने से गंभीर रोगियों को भर्ती करने में असुविधा हो रही है।
*सफाई का बजट अभी भी रेफरल अस्पताल वाला*
इस अस्पताल को जिला अस्पताल तो बना दिया गया मगर सफाई व्यवस्था के लिए जो बजट मिल रहा है वह आज भी रेफरल अस्पताल वाला ही मिल रहा है। चिकित्सालय प्रशासन के मुताबिक वर्तमान में अस्पताल में सफाई व्यवस्था सुचारू बनाने के लिए 40 कर्मचारियों की आवश्यकता है, मगर बजट नहीं मिलने से दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। बहरहाल, जिला अस्पताल बनाए जाने के बावजूद वर्तमान सरकार और जनप्रतिनिधियों की ओर से अस्पताल की व्यवस्थाओं की तरफ ध्यान नहीं दिए जाने से इसका खामियाजा यहां आने वाले मरीजों को ही उठाना पड रहा है।
*इनका कहना है*
अस्पताल में चिकित्सकों की कमी है। इस वर्ष हमें रेजिडेट डॉक्टर भी नहीं मिले है। नर्सिग स्टाफ जो उपलब्ध है उसी से कार्य चलाना पड रहा है। अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने तथा जिला अस्पताल को जो बजट मिलता है वह प्रदान करवाने सहित चिकित्सकों व नर्सिग कर्मियों के पदों पर नियुक्ति के लिए हाल ही में राज्य मंत्री ओटाराम देवासी एवं सांसद लुंबाराम चौधरी से भी आग्रह किया गया है।
*डॉ गोपालसिंह, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी जिला अस्पताल शिवगंज*
Author: AKSHAY OJHA
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