जोधपुर, 15 अक्टूबर 2024 – भा.प्रौ.सं. जोधपुर में 02 दिसंबर 2024 को आयोजित की जाने वाली तकनीकी हिंदी संगोष्ठी 2024 के पोस्टर का विमोचन संस्थान के निदेशक प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल, कुलसचिव डॉ. हरि ओम यादव और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया । संगोष्ठी का विस्तृत विवरण निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध है- https://sites.google.com/iitj.ac.in/ths2024/Home
प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल ने अपने संबोधन में बताया कि “संस्थान द्वारा 02 दिसंबर 2024 के दिन तकनीकी हिंदी संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है । संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी संस्थानों में हो रहे तकनीकी नवाचारों को हिंदी भाषा में सरल एवं रुचिकर पाठ्य के माध्यम से छात्रों एवं शोधार्थियों के लिए उपलब्ध कराया जाना हैं जिससे तकनीकी क्षेत्र में हिंदी भाषा के प्रयोग का दायरा विस्तृत किया जा सके । इस वर्ष की तकनीकी हिंदी संगोष्ठी का संयुक्त आयोजन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर द्वारा किया जा रहा है । संगोष्ठी के सफल आयोजन में सभी कर्मचारियों को सक्रिय भागीदारी अपेक्षित है ।
साथ ही, संस्थान में 14 सितंबर से 15 अक्टूबर 2024 के दौरान आयोजित हिंदी माह-2024 के विजेताओं को प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं प्रोत्साहन पुरस्कार से पुरस्कृत भी किया गया । हिंदी माह के दौरान कई प्रतियोगिताओं जैसे आशुभाषण, निबंध लेखन, हिंदी टंकण, चित्र देखो कहानी लिखो, प्रशासनिक एवं तकनीकी शब्दावली अनुवाद इत्यादि का आयोजन किया गया । इन सभी प्रतियोगिता में संस्थान से सभी कार्मिकों की बड़ी संख्या में भागीदारी रही ।
पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान निदेशक प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल ने संबोधित करते हुए कहा कि “हमारे भारतवर्ष के संविधान निर्माताओं ने हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया है । यह हमारे देश की अखंडता एवं एकता का प्रतीक है । वर्तमान में यह विश्व की प्रमुख लोकप्रिय भाषाओं में से एक है । राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देना, उसकी विकास यात्रा को गति प्रदान करना, हम सभी की जिम्मेदारी है । संविधान के अनुच्छेद 351 के अनुसार हिंदी भाषा का प्रसार-प्रचार करने हमारा परम कर्तव्य है । जहां तक संभव हो हिंदी का प्रयोग करें और अपने सहकर्मियों को भी इस हेतु प्रेरित करें ।
संस्थान के कुलसचिव डॉ. हरि ओम यादव ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि राजभाषा नीति का अनुपालन प्रशिक्षण, प्रेरणा और प्रोत्साहन द्वारा किया जाता है । हिंदी माह के पुरस्कार, राजभाषा वार्षिक प्रोत्साहन योजना इत्यादि से कर्मचारिगण भी प्रेरित होगें । मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार की यात्रा में अपना सहयोग प्रदान करेंगे ।