बारां। राज्य सरकार की ओर से बिजली के क्षेत्र में किए जा रहे अंधाधुंध निजीकरण के विरोध में राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट व बिजली निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया गया। जिसमें जिलेभर के सैकड़ों कर्मचारियों और अभियंताओं ने भाग लिया। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने निगम प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर आक्रोश जताया। साथ ही सीपीएफ कटौती बंद कर जीपीएफ कटौती प्रारंभ कर विद्युत कर्मचारियो के लिए भी पुरानी पेंशन योजना ओपीएस लागू करने और आम उपभोक्ताओं के परिसर पर स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक लगाई जाने की मांग की गई। संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि आज पूरे राजस्थान में सभी वृत कार्यालयों पर पुरजोर प्रदर्शन कर अतिरिक्त ऊर्जा सचिव को अधीक्षण अभियंता के माध्यम से ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। प्रदर्शन में मौजूद सभी वक्ताओं ने कहा कि निजीकरण का दुष्परिणाम बिजली कर्मचारियों के साथ आम उपभोक्ताओं को व किसानों को भी झेलना पड़ेगा। प्रदर्शन में भारतीय मजदूर संघ ,इंटक, आरवीटीकेए व मंत्रालयिक कर्मचारी संघ, इंजीनियर एसोसिएशन के सभी संयुक्त रूप से कार्यकर्ता मौजूद रहे। बड़ी संख्या में मौजूद कर्मचारियों ने बिजली निगम एसई कार्यालय से रैली के रूप में प्रारंभ होकर नारेबाजी करते हुए मिनी सचिवालय पहुंचे। जहां समिति पदाधिकारियों ने कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया।
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Pankaj Garg
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