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January 17, 2025 7:50 pm


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राजस्थान में हरियाली का बड़ा अभियान : हर पंचायत में 5000 पौधों की नर्सरी बनेगी, 5 साल में 50 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

करौलीराजस्थान सरकार ने प्रदेश को हरा-भरा बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है। महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में पौधशाला विकसित की जाएगी, जहां कम से कम 5000 पौधे तैयार किए जाएंगे।

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने इस संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाअभियान मानसून 2024 के तहत इस कार्य को प्राथमिकता दी जाएगी। योजना के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न स्तरों पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। ग्राम स्तर पर ग्राम विकास अधिकारी, ब्लॉक स्तर पर सहायक अभियंता, जिला स्तर पर अधिशासी अभियंता और राज्य स्तर पर अधीक्षण अभियंता को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

पौधशालाओं में विभिन्न प्रकार के पौधे बीज और कलम दोनों माध्यमों से तैयार किए जाएंगे। इसके साथ ही एक बीज बैंक की भी स्थापना की जाएगी, जहां लोग फलों की गुठलियां और बीज दान कर सकेंगे। विभाग का मानना है कि आम, जामुन, पपीता जैसे फलों के बीज जो आमतौर पर व्यर्थ चले जाते हैं, उनका उपयोग पौध विकास में किया जा सकेगा।

राज्य सरकार ने अगले पांच वर्षों में प्रदेश में 50 करोड़ पौधे लगाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। यह पहल न केवल प्रदेश में हरियाली बढ़ाएगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी सृजित करेगी। करौली जिले में इस योजना की शुरुआत हो चुकी है और पौधशालाओं के विकास की स्वीकृति भी जारी कर दी गई है।

इन पंचायत पौधशालाओं के लिए ग्राम सभाओं में अनुमोदन किया गया। लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए क्षेत्र विशेष की परिस्थितियों के अनुसार पौधे तैयार होंगे।

पंचायत पौधशाला स्थापित किए जाने के लिए न्यूनतम 200 वर्गमीटर स्थान होना जरुरी है। पंचायत पौधशाला की उचित देखरेख हो सके, इसके लिए ग्राम पंचायत के समीप ही पौधशाला विकसित की जाएगी। वहीं, पानी की पर्याप्त व्यवस्था और परिवहन पहुंच की सुगमता का भी ध्यान रखा जाएगा। पौधशाला की सुरक्षा के लिए वायर फेंसिंग/सुरक्षा दीवार आदि का भी प्रावधान रखा जाएगा।

पंचायत पौधशाला तैयार करते समय पौधशाला में पौधे की आयु और ऊंचाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। ताकि पौधशाला में पौधे न्यूनतम 3 वर्ष तक रहें। भारत सरकार की ओर से निर्धारित दिशा-निर्देशों में योजनांतर्गत समुचित लम्बाई के पौधे तैयार करने के लिए नर्सरी विकास कार्य न्यूनतम 3 साले के लिए स्वीकृत किए जाने का प्रावधान रखा गया है। पंचायत पौधशाला में समुचित मानव संसाधन का नियोजन भी आवश्यक होगा। इसमें नरेगा से नियमित रूप से न्यूनतम एक मजदूर का नियोजन किया जा सकता है। जहां पर पौधशाला का आकार बड़ा है वहां की निगरानी व देखभाल के लिए इससे अधिक श्रमिकों भी नियोजन होगा। वहीं चौकीदार की भी व्यवस्था होगी।

इनका कहना है

महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत ग्राम पंचायतों में पंचायत पौधशाला विकसित की जाएंगी। इसके लिए विभाग के उच्च स्तर से दिशा-निर्देश प्राप्त हो गए हैं। जिले की सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत पौधशाला बनाने के लिए तैयारी की जा रही है। सभी पंचायतों में पौधशालाओं के लिए स्वीकृति जारी हो चुकी है। पौधशाला विकसित होने से हरियाली को बढ़ावा मिलेगा।

Author: JITESH PRAJAPAT

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