पाली। राजस्थान तेली तिरेपन गौत्र आम चौरासी संस्था के पदाधिकारियों पर वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं। संस्था पर दान की राशि में हेरफेर, बैंक खातों में गड़बड़ी, मनमर्जी से बिना चुनाव करवाएं सदर व सचिव और संपत्ति खरीद में धोखाधड़ी का आरोप है। इस मामले में सहकारी समितियों के उप-रजिस्ट्रार, पाली ने सोमवार को संस्था के अध्यक्ष और सचिव को नोटिस जारी कर सात दिन के भीतर दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। शिकायतकर्ता मुस्कान पत्नी फारूख खान ने गत 3 फरवरी 2025 को शिकायत प्रस्तुत करके आरोप लगाया है कि संस्था के पदाधिकारी नियमों को दरकिनार कर दान की राशि को अपने निजी खातों में स्थानांतरित कर रहे हैं।
संस्था के कोषाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों पर भी संस्था के बैंक खातों से धनराशि के दुरुपयोग के आरोप लगे हैं।शिकायत में यह भी कहा गया है कि संस्था ने जोधपुर में एक संपत्ति खरीदी, जिसकी वास्तविक कीमत ₹1 करोड़ थी, लेकिन इसे ₹2.25 करोड़ में खरीदा हुआ दिखाया गया। इस लेन-देन में वित्तीय अनियमितता और हेराफेरी की आशंका जताई गई है। शिकायतकर्ता का कहना है कि जब उसने इन वित्तीय लेन-देन से संबंधित दस्तावेजों की मांग की, तो संस्था के पदाधिकारियों ने जानकारी देने से इनकार कर दिया और धमकियां दीं। उप-रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, पाली ने शिकायत मिलने के सात दिनों में ही संज्ञान लेते हुए संस्था के अध्यक्ष और सचिव को सात दिन के भीतर बैंक खातों, दान की राशि, संपत्ति खरीद के दस्तावेज और वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। यदि समयसीमा के भीतर जवाब नहीं दिया गया, तो राजस्थान संस्था पंजीयन अधिनियम, 1958 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी। इस मामले के सामने आने के बाद सहकारी संस्थाओं में पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन को लेकर सवाल उठने लगे हैं। अब यह देखना होगा कि उक्त संस्था इन आरोपों का क्या जवाब देती है या फिर मामला कोर्ट तक पहुंचता है।