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June 9, 2025 9:53 am


मकान ढहने से मां-बेटे की मौत : बड़ा बेटा और भांजा लहूलुहान हालत में बाहर निकले, गंभीर हालत में एसएमएस भेजा

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

जयपुर। जिले में शुक्रवार सुबह एक मकान ढह गया। मलबे में दबने से घर के अंदर सो रहे मां और बेटे की मौत हो गई। बड़ा बेटा और भांजा गंभीर घायल हो गए। सांभरलेक थाना पुलिस ने घायल बेटे-भांजे को SMS हॉस्पिटल में भर्ती करवाया है। पुलिस प्रथमदृष्टया जांच में सामने आया कि पुरानी दरार के कारण मकान ढहा है। SHO (सांभरलेक) राजेन्द्र कुमार यादव ने बताया- हादसा सांभरलेक के रिंनगी गांव में मेवाराम गुर्जर के घर हुआ है। मेवाराम यहां अपनी पत्नी हंसा देवी (35), बेटे दिलसुख (12) व लोकेश (7) और 65 वर्षीय मां के साथ रहता है। शुक्रवार सुबह मेवाराम परिवार को घर में सोता छोड़कर काम करने के लिए खेत पर चला गया। सुबह करीब 4:30 बजे अचानक मकान का आधे से ज्यादा हिस्सा गिर गया। मकान के एक हिस्से के गिरने की आवाज सुनकर आस-पास के लोग बाहर आ गए। मौके पर इकट्ठा हुए लोगों ने परिवार के सदस्यों को निकालने की कोशिश की। पुलिस को सूचित किया।

हादसे की सूचना पर सांभरलेक थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। स्थानीय लोगों की मदद से मलबे में फंसे परिवार को बाहर निकालने का प्रयास किया गया। जेसीबी बुलाकर मलबे को हटाने का काम शुरू किया। पुलिस ने करीब आधे घंटे की मशक्कत कर मलबे में फंसे परिवार के सदस्यों को लहूलुहान हालत में बाहर निकाला। एचएचओ राजेन्द्र कुमार ने बताया- मलबे में पट्टियों के नीचे हंसा देवी और उसका छोटा बेटा लोकेश दबा मिला। जिन्हें बाहर निकालकर तुंरत सांभरलेक हॉस्पिटल पहुंचाया। डॉक्टर्स ने दोनों मेवाराम की पत्नी-बेटे को मृत घोषित कर दिया। मलबे में पट्टियां गिरने से फंसे बड़े बेटे दिलसुख और कुछ दिन पहले मिलने आए दूदू निवासी भांजे नन्दराम (27) को बाहर निकाला गया। लहूलुहान हालत में दोनों को बाहर निकालकर स्थानीय हॉस्पिटल में एडमिट करवाया। प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर दोनों को जयपुर के SMS हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया। दूसरे कमरे में सो रही बुजुर्ग मां सुरक्षित है।

पुलिस प्रथमदृष्टया जांच में सामने आया है कि साल-2017 में मेवाराम ने 4-5 कमरों का मकान बनाया था। मकान बनाने के कुछ समय बाद ही दीवार में दरार आ गई थी। मकान की दीवारों पर सीमेंट पट्‌टी की छत डाल रखी थी। इसी पुरानी दरार के चलते दीवार टूटने से छत की पट्‌टी गिरी। सीमेंट पट्‌टी का वजन दूसरी दीवारों पर आकर गिरने से वह भी टूट गई। इसके चलते मकान का आधे से ज्यादा हिस्सा भरभरा कर ढह गया। मेवाराम की मां जिस कमरे में सो रही थी, वह ढहने से बच गया।

Author: JITESH PRAJAPAT

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