दौसा। जिले के मेहंदीपुर बालाजी कस्बे के एक गांव में बुधवार को शव के दाह संस्कार को लेकर विवाद हो गया। अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं मिलने से नाराज ग्रामीणों ने रास्ते में डेड बॉडी रखकर प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि निजी खातेदार ने उन्हें खेत में जाने से रोक दिया और श्मशान को निजी भूमि बताया है। वहीं निजी खातेदार का कहना है कि यह उसकी जमीन है, जो खातेदारी की है। हालांकि बालाजी थाना इंचार्ज गौरव प्रधान ने बताया कि खातेदारी भूमि में दाह संस्कार से रोकने पर दो पक्षों में विवाद हुआ था। काफी देर तक समझाइश के बाद भी नहीं माने, बाद में सहमति बनने पर 400 स्क्वायर फिट जगह व 12 फिट का रास्ता दिलवाकर मृतक का अंतिम संस्कार करवाया गया। ग्राम पंचायत को चारदीवारी के लिए कहा है, जिससे दोबारा विवाद नहीं हो।
मामला दौसा जिले के मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र की उदयपुरा ग्राम पंचायत का है। यहां की देहरा ढाणी में निवासी भूरसिंह सैनी (35) की सिलिकोसिस बीमारी से बीती रात मौत हो गई। बुधवार सुबह अंतिम संस्कार के लिए लेकर गए तो खातेदार ने उसके खेत में जाने से रोक दिया। इससे नाराज लोग रास्ते में ही शव रखकर बैठ गए। सूचना पर बालाजी थाना पुलिस ने मौके पर पहुंच मामले की जानकारी लेकर समझाइश के प्रयास किए। लेकिन खातेदार ने उसके खेत में शव का दाह संस्कार नहीं करने देने की बात कही तो वहीं मृतक पक्ष के लोग भी पूर्व निर्धारित जगह पर ही दाह देने पर अड़ गए। दोनों पक्षों में तनातनी की स्थिति को देखते हुए मौके पर पुलिस जाप्ता तैनात कर समझाइश से विवाद सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। मृतक युवक के परिजन बद्री प्रसाद ने कहा कि ढाणी के लोग कई वर्षों से इसी जगह पर दाह संस्कार करते आए हैं। लेकिन अब खातेदार द्वारा इसका विरोध कर रोका जा रहा है। ऐसे में शमशान के लिए जगह नहीं होने से पशोपेश में पड़ गए हैं कि आखिरकार अंतिम संस्कार कहां किया जाए। खातेदार गिर्राज प्रसाद सैनी का कहना है कि हमारी खातेदारी भूमि में जबरन अंतिम संस्कार करने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि हमने यह भूमि 3-4 साल पहले ही खरीदी है और फिलहाल खेत में फसल खड़ी है। ऐसे में प्रशासन को सार्वजनिक जगह उपलब्ध करवानी चाहिए।