चित्तौड़गढ़। जिले में एक विधवा महिला के साथ दुष्कर्म और जबरन गर्भपात का मामला सामने आया है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने राजस्थान परमाणु बिजलीघर के कर्मचारी बस्तीराम गहलोत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पीड़िता ने बताया कि पति की मृत्यु के बाद आरोपी से उसकी जान-पहचान हुई। 11 सितंबर को आरोपी उसे और उसके दो बच्चों को नया बाजार स्थित अपने मकान में ले गया। शादी का वादा करके उसे वहां रखा और कई बार शारीरिक संबंध बनाए। पीड़िता के अनुसार, 24 सितंबर को दोपहर 12:30 बजे आरोपी ने जबरन दुष्कर्म किया। उसी दिन रात 9:30 बजे आरोपी अपनी बहनों जस्सू और आशा के साथ आया। बहनों ने कहा कि उनका भाई किसी भी हालत में पीड़िता से शादी नहीं करेगा। इसके बाद तीनों ने महिला की पिटाई की। आरोपियों ने पीड़िता की तीन साल की बच्ची को जमीन पर पटक दिया, जिससे मासूम की तबीयत बिगड़ गई। पीड़िता जब तीन महीने की गर्भवती हुई, तो आरोपी ने उसके बच्चों को जान से मारने की धमकी देकर जबरन गर्भपात करवा दिया। पीड़िता का आरोप है कि रसूखदार होने के कारण रावतभाटा पुलिस ने कई बार शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई नहीं की। अंत में कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मामला दर्ज किया।
पीड़िता का कहना है कि उसी रात वह आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने रावतभाटा थाने पहुंची, लेकिन पुलिस ने उसे अगले दिन सुबह आने के लिए कहकर लौटा दिया। अगले दिन, 25 सितंबर को, उसने आरोपी के खिलाफ लिखित शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय उसे धमकाया कि आरोपी रसूखदार है और उसे मरवा सकता है। यहां तक कि जब पीड़िता ने संपर्क पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज करवाई, तब भी फर्जी साइन करके उसे क्लोज कर दिया गया। इसके बाद उसने चित्तौड़गढ़ एसपी को परिवाद भेजकर कार्रवाई की गुहार लगाई, लेकिन वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई। अंत में महिला ने कोर्ट का सहारा लिया। पीड़िता का कहना है कि आरोपी बस्तीराम उसके फोटो-वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने की धमकी देकर अब भी उससे मारपीट और दुष्कर्म कर रहा है। महिला के अनुसार, आरोपियों ने उसे डराकर रखा है कि उनके रिश्तेदार जोधपुर हाईकोर्ट में जज और अलवर सीबीआई में हैं। महिला चाहे जो भी कर ले, वह उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी। फिलहाल, कोर्ट के आदेश पर रावतभाटा पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।