बांसवाड़ा। जिला मुख्यालय में वन विभाग की एक बैठक में सीनियर-जूनियर अधिकारियों में तनातनी हो गई। क्षेत्रीय वन अधिकारी ने रेंजर के खिलाफ राजतालाब थाने में शिकायत दर्ज करा दी। कहा कि बैठक के बाद पकड़ा, गाली-गलौज की और ट्रांसफर की धमकी दी। जानकारी के अनुसार 22 मार्च को दोपहर 2 बजे वन मंडल कार्यालय बांसवाड़ा में क्षेत्रीय वन अधिकारियों की बैठक थी। बैठक में वन विकास के कार्यों पर शाम 4 बजे तक चर्चा हुई। क्षेत्रीय वन अधिकारी डूंगरा मुख्यालय सज्जनगढ़ उदयपुर निवासी शांतिलाल चावला पुत्र लालूराम खटीक ने आरोप लगाया कि घाटोल के रेंजर द्वितीय विश्वेंद्रसिंह चौहान पुत्र नरेंद्रसिंह चौहान ने उनके खिलाफ अभद्रता, गाली गलौज और मारपीट की। शांतिलाल चावला ने राततालाब थाने में बदसलूकी और जातिसूचक अपमान करने का परिवाद दिया। रिपोर्ट में शांतिलाल ने बताया- बैठक में उपवन संरक्षक से विकास कार्यों से संबधित बातचीत के दौरान अचानक रेंजर विश्वेन्द्र सिंह चौहान आक्रोशित हो गए। वे मुझे धमकाने लगे कि तू इस तरह से मीटिंग नहीं कर सकता। बाहर निकलेगा तो देख लूंगा।
फिर जब बैठक खत्म हुई तो मैं उप वन संरक्षक के कमरे से बाहर निकला। तभी चौहान ने सामने आकर मुझे पकड़ लिया और जातिसूचक गालियां दीं। कहा- तुम्हें तो हमारे जिले से निकालकर रहेंगे। यहां हमारे जिले में हमारे आदमी की चलेगी। बांसवाड़ा से ट्रांसफर करवा दूंगा। शांतिलाल ने बताया- कार्यालय के बाहर कार में मेरा बेटा बैठा था। विवाद देखकर वह दौड़ते हुए आया और बीच-बचाव किया। घटना से मैं अवसाद में हूं। तीन दिन से खुद को शारीरिक-मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस करने पर आहत होकर थाने जाना पड़ा।
विश्वेंद्रसिंह चौहान घाटोल रेंज में तैनात हैं, तो शांतिलाल चावला डूंगरा रेंज के अधिकारी हैं। ऐसे में विभागीय कामकाज को लेकर दोनों का आपस में कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे में झगड़े का असल कारण सामने नहीं आया है। चर्चा पर चावला ने बेवजह बीच में बोलकर चौहान द्वारा झगड़ने की बात कही। वहीं चौहान ने कारण से ही अनभिज्ञता जाहिर कर दी।