झुंझुनूं। पुलिस की कस्टडी में बंद हिस्ट्रीशीटरों के वीडियो इंस्टाग्राम की रील्स में दिख रहे हैं। इससे पुलिस की शैली पर सवाल उठ रहे हैं। मामला झुंझुनूं जिले के पचेरी कलां थाने का है। थाने की हवालात में बंद हिस्ट्रीशीटर के वीडियो सामने आए हैं। इनमें हिस्ट्रीशीटर मुस्कुराकर हाथ से इशारा भी कर रहे हैं। जिन दो हिस्ट्रीशीटर के वीडियो सामने आए हैं, उनमें से एक मनोज उर्फ कालिया है। मनोज को हत्या के मामले में 4 नवंबर को खेतड़ी जेल से प्रोडक्शन वारंट पर पचेरी कलां लाया गया था। वह 4 और 5 नवंबर को थाने के बैरक में बंद था। इस दौरान के ये वीडियो हैं। फिलहाल मनोज खेतड़ी (झुंझुनूं) जेल में बंद है।
आरोपी के खिलाफ 11 मामले दर्ज
आरोपी मनोज उर्फ कालिया के खिलाफ जयपुर और झुंझुनूं के थानों में 11 मामले दर्ज हैं। पचेरी कलां थाने में उसके खिलाफ 6 मामले दर्ज हैं। सिंघाना (झुंझुनूं) थाने में 2, कोतवाली थाना (झुंझुनूं) में 1 और जयपुर में 2 मामले दर्ज हैं। मनोज ने 6 दिसंबर 2023 को पथाना निवासी पप्पू नाम के युवक से मारपीट की थी। घायल हालत में नारनौल (हरियाणा) ले जाते वक्त पप्पू ने दम तोड़ दिया था। पप्पू की पत्नी संतोष ने 7 दिसंबर 2023 को हत्या का मामला दर्ज करवाया। घटना के बाद मनोज फरार हो गया था। रिपोर्ट में संतोष ने बताया था- 6 दिसंबर 2023 की शाम 6 बजे सूचना मिली कि पति के साथ मनोज व तीन-चार हथियारबंद लोगों ने मारपीट की है। पति को मरा समझकर वे छोड़ भागे। इलाज के लिए हरियाणा ले जाते वक्त पति ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने मनोज, राजवीर उर्फ धोलिया और आरोपी चुनीया के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। उसे खेतड़ी पुलिस ने गिरफ्तार किया।
ASI को बताया मददगार और परम मित्र
वीडियो अंकित HR-47 की इंस्टाग्राम आईडी से शेयर किए गए हैं। साथ ही एक ASI नरेश कुमार को हिस्ट्रीशीटरों की इंस्टाग्राम आईडी से परम मित्र बताया गया है। नरेश कुमार का फोटो भी लगाया है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए एएसआई नरेश कुमार को कई बार फोन लगाया लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया।
DSP बोले- वीडियो आया, जांच कर रहे हैं
इस बारे में बुहाना (झुंझुनूं) डीएसपी नोपाराम से बात की तो उन्होंने कहा- हां ऐसा वीडियो है, जिसमें पचेरी थाना के हवालात में आरोपी नजर आ रहे हैं। मनोज से मिलने के लिए एक युवक आया था। उसी ने थाने में ये वीडियो बनाए। टीम गठित कर आरोपी युवक की तलाश की जा रही है। वीडियो बनाकर उसी ने सोशल मीडिया पर डाल दिए होंगे। इसमें अगर किसी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी की संलिप्तता मिली तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एक पुलिसकर्मी को परम मित्र बताते हुए मदद करने की बात कही गई है। अगर वास्तव में पुलिसकर्मी ने किसी हिस्ट्रीशीटर की मदद की है तो विभागीय जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।