भीलवाड़ा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में सरकार किसानों की आय बढ़ाकर उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत प्रदेश में दी जा रही 8 हजार रुपए की राशि को बढ़ाकर 9 हजार रुपए प्रति वर्ष करने की घोषणा की गई है। किसानों को गेहूं के एमएसपी पर दिए जा रहे 125 रुपए प्रति क्विंटल के बोनस के स्थान पर अब 150 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस दिया जाएगा। राज्य में कृषि एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो राज्य की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है। यहां की अधिकांश जनसंख्या कृषि कार्यों द्वारा ही अपनी आजीविका चलाती है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। राज्य सरकार द्वारा कृषकों को राहत देने व उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की गई है।
कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई है। 900 करोड़ रूपये का अनुदान देकर 25 हजार फार्म पौण्ड, 10 हजार डिग्गी, 50 हजार सौर पम्प संयंत्र तथा 20 हजार किमी सिंचाई पाइपलाइन द्वारा 4 लाख से अधिक किसानों को लाभान्वित किया जायेगा। 1 लाख हैक्टेयर क्षेत्र से अधिक में माइक्रोइरिगेशन तथा 3 लाख 50 हजार रुपए हैक्टेयर में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिस्टम लगाने के लिए 1 हजार 250 करोड़ रूपये का अनुदान दिया जाएगा। 324 करोड़ रूपये का व्यय कर 75 हजार किसानों को 30 हजार किमी लम्बाई में तारबन्दी पर अनुदान दिया जायेगा। राजस्थान कृषि विकास योजना अन्तर्गत 1 हजार 350 करोड़ रूपये से कृषि में नई तकनीकों कृषि आदान, जैविक खेती एवं क्षमता विकास के कार्य करवाए जायेंगे। मुख्यमंत्री बीज स्वावलम्बन योजना के अन्तर्गत 5 लाख 44 हजार कृषकों को उच्च गुणवता युक्त बीज उत्पादन के लिए 63 करोड़ रूपये के 1 लाख 13 हजार क्विंटल बीज दिये जायेंगे। मृदा शक्ति संर्वधन योजना के अन्तर्गत किसानों को हरी खाद के लिए 3 लाख ढैंचा बीज मिनिकिट एवं 50 हजार किसानों को गोर्वधन जैविक उर्वरक योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया जायेगा। 210 करोड़ रूपये का व्यय कर 1 हजार कस्टम हायरिंग सेन्टरों की स्थापना की जायेगी।
इसके साथ ही आधुनिक तकनीकी आधारित कृषि उपकरणों, ट्रैक्टर चलित यंत्र उपलब्ध कराने के लिए 350 करोड़ रूपये का अनुदान देकर 1 लाख किसानों को लाभान्वित किया जायेगा। कृषि क्षेत्र में एआई का उपयोग कर उत्पादकता बढ़ाने के लिए 50 करोड़ रूपये की लागत से Center of Excellence of Artifi-cial Intelligence in Agricutlure की स्थापना की जायेगी। मक्का फसल की उत्पादकता में वृद्धि एवं मूल्य संवर्धन के लिए बांसवाडा में 20 करोड रूपये की लागत से Center of Ex-cellence for Maize की स्थापना की जायेगी। प्रदेश में मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए भरतपुर में 15 करोड़ रूपये की लागत से Center of Ex-cellence for Honey Bee keeping की स्थापना के साथ साथ 11 करोड़ रूपये का व्यय कर प्रतिवर्ष 2 हजार मधुमक्खी पालक कृषकों को 5 हजार रूपये तक का अनुदान दिया जायेगा। ग्रीन हाऊस, पॉली हाऊस, शेडनेट, प्लास्टिक मल्चिंग और लो टनल पर 225 करोड़ रूपये का अनुदान देकर 2 हजार कृषकों को लाभान्वित किया जायेगा। 1 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के छिडकाव पर प्रति हैक्टेयर 2 हजार 500 रूपये का अनुदान दिया जायेगा। Knowledge En-hancement Programme के अन्तर्गत किसान उत्पादन संगठन के 100 कृषक सदस्यों को इजरायल सहित अन्य देशों में और 5 हजार किसानों को राज्य से बाहर प्रशिक्षण के लिए भेजा जायेगा। 50 हजार करोड़ रुपए की लागत से 1 लाख भूमिहीन कृषि श्रमिकों को 5 हजार लागत तक के कृषि यंत्र एवं उपकरण उपलब्ध कराने की घोषणा की गई।