देशी परंपरा से हुआ देशी- विदेशी सैलानियों का भव्य स्वागत
जैसलमेर
दुनिया की सबसे आरामदायक ट्रेनों में शुमार पहियो के महल के नाम से प्रसिद्ध ट्रेन पेलेंस ऑन व्हील्स इस सीजन के पहले फेरे में रविवार को सुबह जैसलमेर पहुंची। इस दौरान पहले फेरे में 31 सैलानी इस ट्रेन से जैसलमेर पहुंचे, जिसमे 12 इंडियन व 19 विदेशी सैलानी है।
सैलानियों के जैसलमेर रेलवे स्टेशन पहुंचने पर स्थानीय कलाकारों द्वारा राजस्थानी गीतों से शानदार स्वागत किया गया। राजस्थानी संगीत की लहरियो पर पर्यटक भी स्वयं को थिरकने से नहीं रोक सके और वो भी राजस्थानी गीतों पर थिरकते नजर आए। इस दौरान रेगिस्तान का जहाज कहलाए जाने वाले ऊंट सज धज कर पर्यटकों का स्वागत करते नजर आए। इस ट्रेन से आने वाले मेहमान आज रविवार को पूरा दिन जैसलमेर में दर्शनीय स्थलों का दर्शन कराने और रविवार रात को जैसलमेर से रवाना हो जाएंगे। इस साल के पहले फेरे में ट्रेन में 31 सैलानी दिल्ली से रवाना हुए थे। दिल्ली से जयपुर, सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर होते हुए रविवार को ट्रेन जैसलमेर पहुंची है। जैसलमेर भ्रमण के बाद यह सैलानी जोधपुर, भरतपुर से आगरा होते हुए वापस दिल्ली पहुंचेंगे।
पिछले 43 साल से हो रहा हैं इस ट्रेन का संचालन
26 जनवरी 1982 को शुरू हुई पैलेस ऑन व्हील ट्रेन का 41 साल बाद पिछले साल निजीकरण कर दिया गया है। इस साल चल रही पैलेस ऑन व्हील जिसे हेरिटेज पैलेस ऑन व्हील्स के नाम से भी जाना जाता है। जिसमे इस बार कई बदलाव किए गए हैं। सबसे बड़ा बदलाव महाराजा रेस्टोरेंट में किया गया है। इस रेस्टोरेंट को शीश महल के रूप में तैयार किया गया है। शीश महल इसे नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इसका निर्माण शीश महल (आमेर, जयपुर) का निर्माण करने वाले कारीगरों के परिवारों द्वारा किया गया है। वहीं महारानी रेस्टोरेंट को गोल्डन थीम पर सजाया गया है। जिम को बदलकर प्रेसिडेंशियल सुइट तैयार किया गया है। ट्रेन का हर साल रेनोवेशन किया जाता है। ट्रेन के शाही अंदाज और लुक को और भव्यता देने के लिए इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। ट्रेन में फायर सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए पूरे किचन को गैस की जगह इलेक्ट्रीफाइड किया गया है। अब गैस चूल्हे की जगह इलेक्ट्रिक चूल्हे पर खाना तैयार हो रहा है।
देसी विदेशी व्यंजनों के साथ ही साउथ इंडियन, चाइनीस, केर, सांगरी, दाल बाटी चूरमा सहित राजस्थानी व्यंजन परोसे जाते है। टूर में गेस्ट को राजस्थान के अलग-अलग शहरों में घूमने के लिए वॉल्वो कोच के साथ गाइड की सुविधा भी यहां मिलती है।वही पैलेस ऑन व्हील्स की 7 दिन की इस यात्रा का प्रति व्यक्ति 7 लाख रुपये किराया है। जहां 7 दिन के लिए सभी अत्याधुनिक सुविधाएं 7 लाख में मुहैया करवाई जाती है। इसी के साथ बार और लॉन्ड्री का शुल्क अलग है। वही एक रूम (केबिन) का सबसे सस्ता पैकेज 12 लाख रुपए का है।
जैसलमेर टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण पुरोहित ने बताया कि जैसलमेर के लिए बड़े ही सौभाग्य की बात है कि यह शाही रेल अपने फेरे के दौरान जैसलमेर पहुंचती है। हम सभी यह चाहते हैं कि आने वाले समय में पैलेस ऑन व्हील्स में ज्यादा से ज्यादा सैलानी जैसलमेर आएं और अन्य शाही ट्रेनें भी यहां आएं, जिससे स्वर्णनगरी को विश्व स्तर पर और अधिक पहचान मिल सके तथा पर्यटक जैसलमेर को निहार सकें। इससे यहां के पर्यटन व्यवसाय का भी विकास होगा और हर आदमी को रोजगार मिल सकेगा।