बांसवाड़ा। वागड़ क्षेत्र में कॉलेज शिक्षा विभाग की बगैर एनओसी के संचालित 9 निजी कॉलेजों के विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर संशय है। विभाग से हरी झंडी नहीं मिलने से इनकी गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय से संबद्धता नहीं हो पाई है। इसके बावजूद कॉलेज चल रहे होने से अब जबकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसरण में विश्वविद्यालयी परीक्षाओं के लिए इनके आवेदन ही नहीं हो पाए हैं, करीब डेढ़ हजार विद्यार्थियों का शैक्षणिक सत्र खतरे में है। गौरतलब है कि कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय की ओर से निजी कॉलेजों को स्थायी या अस्थायी दो तरह की एनओसी दी जाती है। अपना भवन, फैकल्टी, प्रयोगशालाओं सहित तमाम वांछित संसाधन होने पर एनओसी मिलती है। वैसे स्थायी एनओसी पाना आसान नहीं होता। इसके चलते ज्यादातर कॉलेज अस्थायी एनओसी लेकर उसे हर साल रिन्यू करवाते रहे हैं। इस पर भी बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिलों में संचालित कुछ कॉलेज ऐसे हैं, जिनका अनापत्ति प्रमाण आयुक्तालय ने दिया ही नहीं है, जिससे वे इधर विश्वविद्यालय से जुड़ सकें। हालांकि ऐसे कॉलेजों की संख्या 15 थी, लेकिन इनमें से कॉलेज गढ़ी का पायोनियर कॉलेज और वागड़ कॉलेज दवेला कोटड़ा बंद कर दिया गया। फिर इनमें कुछ कॉलेजों ने कोर्ट की शरण ली और छात्रहित में आदेश पर विश्वविद्यालय से संबद्ध हो गए हैं। बावजूद इसके अन्य कॉलेज अब भी बिना एनओसी चल रहे हैं। इनमें औसतन 200 छात्र हर कॉलेज में मौजूदा सत्र में भर्ती हुए हैं। इस लिहाज से डेढ़ से दो हजार विद्यार्थियों के सेमेस्टर एग्जाम का क्या होगा। विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार प्रतापगढ़ जिले के आरएनटी कॉलेज पीपलखूंट, डूंगरपुर जिले के मानस कॉलेज ओबरी, सागवाड़ा का हरिओम कॉलेज, गुरुकुल डिग्री कॉलेज पूंजपुर के अलावा बांसवाड़ा में जौलाना के वीर एकलव्य कॉलेज और महर्षि वाल्मीकि कॉलेज, तेजस्वी गर्ल्स कॉलेज परतापुर, मानसी महिला विद्यालय आनंदपुरी, बांसवाड़ा इंस्टीटयूट ऑफ हायर स्टडीज कोर्ट बिना एनओसी के चल रहे हैं। इनके दीगर, डूंगरपुर के दिशा डिग्री कॉलेज, बांसवाड़ा में वागड़श्री कॉलेज, महाराणा प्रताप कॉलेज पालोदा और गुरुकुल कॉलेज सागवाड़ा का आदेश लेकर आए, जिस पर विद्यार्थियों के इस सत्र के जीजीटीयू के सेमेस्टर एग्जाम के आवेदन हो पाए हैं। अब जबकि विश्वविद्यालय ने परीक्षा आवेदन की अंतिम तिथि 8 नवंबर दी है, सैकड़ों विद्यार्थी मझधार में हैं।
इनका कहना है…
एनओसी की प्रक्रिया आयुक्तालय ने होल्ड की हुई है। वैसे विश्वविद्यालय गत वर्ष की एनओसी के मद्देनजर संबद्धता देता रहा है, लेकिन एनओसी जारी नहीं होने पर कुछ कॉलेज कोर्ट से आदेश लाए हैं। अन्य कॉलेज बिना आधार संचालित हैं तो उनके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।- डॉ. जयदीपसिंह राठौड़ अध्यक्ष, निजी कॉलेज संगठन