सीकर। जिले में नवलगढ़ पुलिया फोरलेन प्रोजेक्ट का काम जल्द शुरू होने वाला है। इसे लेकर आज सुबह से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई। अतिक्रमण के दायरे में कई मकान और दुकान आए है। कार्रवाई के विरोध में दुकानदारों और स्थानीय लोग कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दिया। धरने पर बैठे लोगों ने कहा- हम 1960 से यहां रह रहे हैं। हम अतिक्रमी कैसे हो गए। अगर यह अतिक्रमण वाली जमीन थी तो पीडब्ल्यूडी ने जमीन क्यों दी और 65 साल बाद अब क्यों आई। हमें उन्हें मुआवजा दिया जाए।
घर से सामान फेंका बाहर
कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठी महिला विमला ढाका ने बताया- उनका पूरा परिवार शादी में गया था। इस दौरान प्रशासन ने पीछे से बिना सूचना दिए उनका मकान तोड़ दिया। सामान उठाकर बाहर फेंक दिया। मकान तोड़ने की सूचना पर घर पहुंचे तो प्रशासन ने अंदर नहीं घुसने दिया। उनका सामान सड़क पर बिखरा हुआ है।
गौतम सिंह ने बताया- पुलिया के पास उनका मकान है। प्रशासन ने हमारा पट्टेसुधा मकान तोड़ दिया है। अगर किसी के पास पट्टेसुधा मकान होता है तो क्या वह अतिकर्मी हो जाता है। क्या पट्टा लीगल डॉक्यूमेंट नहीं है। नगर परिषद ने उन्हें मकान का पट्टा दिया था और निर्माण स्वीकृति दी। इसके बाद उसने बैंक से लोन लेकर मकान बनाया। अब प्रशासन कह रहा है कि यह मकान मार्केट एरिया में है।
उन्होंने कहा- प्रशासन ने हमारा घर उजाड़ दिया और हमें मुआवजा भी नहीं मिला। यहां लोग 1960 से रह रहे हैं। सभी अतिक्रमी कैसे हो गए। अगर यह अतिक्रमण वाली जमीन थी तो पीडब्ल्यूडी ने जमीन दी ही क्यों और 65 साल बाद अब क्यों आई। प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि उन्हें मुआवजा दिया।
83.01 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट
वहीं जिला प्रशासन का कहना है- 27 दुकानों और 6 मकान को अतिक्रमण मानते हुए नोटिस जारी कर 19 नवंबर की शाम 4 बजे तक अपना सामान हटाने के लिए कहा गया था। इसके बाद आज सुबह से अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है।
बता दें कि नवलगढ़ पुलिया फोरलेन प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार की ओर से 83.01 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की गई थी। इस प्रोजेक्ट का काम हरियाणा की धारीवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी करेगी। करीब 2 साल में पुलिया फोरलेन का काम पूरा हो जाएगा।
सीकर का ये रास्ता झुंझुनूं और दिल्ली से जुड़ता
पुलिया फोरलेन प्रोजेक्ट में दोनों तरफ फुटपाथ भी होगा। दोनों साइड से सीढ़ियां नीचे की तरफ जाएगी, जिससे कि लोगों को पैदल चलने के दौरान पुलिया पार करने के लिए पूरा रास्ता तय न करना पड़े। आपको बता दें कि नवलगढ़ पुलिया से हर दिन हजारों वाहन गुजरते हैं। सीकर शहर को यह रास्ता झुंझुनूं और दिल्ली से जुड़ता है। इसके साथ ही शहर में सबसे ज्यादा कोचिंग और स्कूल भी नवलगढ़ और पिपराली रोड पर संचालित होती है। हजारों लोगों का आवागमन पुलिया से होता है। पुलिया के फोरलेन होने के दौरान पुरानी पुलिया पर ट्रैफिक जारी रहेगा।