धौलपुर। बाल कल्याण समिति की कार्यकारिणी एक बार फिर से विवादों में है। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष ने समिति के तीन सदस्यों के खिलाफ पॉस्को के आरोपी को बचाने के लिए पद का दुरुपयोग करने का मामला दर्ज कराया है। सदर थाने में दर्ज कराए गए मामले की जांच धौलपुर के सीओ सिटी मुनेश मीना को दी गई है।
बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष मधु शर्मा ने रिपोर्ट में बताया है कि 27 और 28 अक्टूबर को एक बाल विवाह रुकवाया गया था। पुलिस ने नाबालिग बालिका को डिटेन भी किया था। जिस मामले में डिटेन की गई नाबालिग ने काउंसलिंग के दौरान एक आरोपी के शारीरिक संबंध बनाने की बात स्वीकार की, जिसके बाद आरोपी के खिलाफ पॉस्को का जुर्म प्रमाणित माना गया।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष मधु शर्मा द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया गया है कि समिति के तीन सदस्य कविता शर्मा, सोनपाल और मजीद शरीफी ने पॉस्को के आरोपी को बचाने के लिए नाबालिग की बिना सामाजिक जांच रिपोर्ट कराए उसे बालिग मान लिया। अध्यक्ष द्वारा थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया गया है कि समिति के तीनों सदस्यों ने नाबालिग के पिता द्वारा दिए गए शपथ पत्र के आधार पर नाबालिग को बालिग माना था। जिस शपथ पत्र की समिति के सदस्यों ने जांच तक नहीं कराई थी। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष द्वारा थाने में मामला दर्ज होने के बाद जांच सीओ सिटी मुनेश मीणा को दी गई है।