जयपुर। जिले में कैश कलेक्शन एजेंट से 5 लाख रुपए की डकैती मामले में झोटवाड़ा पुलिस ने सोमवार दोपहर खुलासा किया है। डकैती में शामिल तीन बदमाशों को पुलिस ने पकड़ लिया है, जिसमें से एक बदमाश का पैर टूटने पर हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है। फिल्पकार्ड कंपनी के वर्कर ने अपने साथियों के साथ मिलकर डकैती का प्लान बनाकर रेंटल कार से वारदात को अंजाम दिया था। वारदात के बाद मास्टर माइंड पाप धोने के लिए मंदिर दर्शन पर निकल गया था। पुलिस टीमें फरार साथी बदमाशों को पकड़ने के लिए दबिश दे रही है।
एडि. डीसीपी (वेस्ट) आलोक सिंघल ने बताया- डकैती के मामले में बदमाश विजय सेन (18) पुत्र रामावतार सेन निवासी उनियारा टोंक हाल करनी पैलेस करणी विहार, राजेन्द्र रावत (20) पुत्र लादू सिंह निवासी भीम राजसमंद हाल वासुदेवपुरी झोटवाड़ा और राजेन्द्र उर्फ राजवीर उर्फ राज (24) पुत्र महावीर सिंह निवासी फतेहपुर सदर सीकर हाल भुवनेश्वर वाटिका करणी विहार को पकड़ा है। पुलिस ने विजय सेन व राजेन्द्र रावत को अरेस्ट कर लिया है, जबकि राजेन्द्र सिंह का पैर टूटने पर उसे हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है। राजेन्द्र रावत फिल्पकार्ड कंपनी में काम करता है। पुलिस ने वारदात में यूज रेंटल कार को भी जब्त कर लिया है। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने दबिश देकर तीनों बदमाशों को पकड़ा है। पुलिस ने बचकर भागने की कोशिश में मास्टर माइंड राजेन्द्र सिंह के गड्ढे में गिरने से पैर टूट गया। डकैती में शामिल अन्य फरार बदमाशों की तलाश में पुलिस टीमें दबिश दे रही है।
दोस्त के साथ मिलकर बनाया डकैती का प्लान
पुलिस प्रथमदृष्टया जांच में सामने आया कि डकैती में मास्टर माइंड राजेन्द्र सिंह है। उसका दोस्त राजेन्द्र रावत फिल्पकार्ड कंपनी में जॉब करता है। कुछ समय पहले राजेन्द्र सिंह व उसका दोस्त राजेन्द्र रावत आपस में मिले। कर्ज को लेकर बातचीत के दौरान फिल्पकार्ड कंपनी के वर्कर राजेन्द्र रावत ने अपने दोस्त राजेन्द्र सिंह को कैश कलेक्शन एजेंट के लाखों रुपए लेकर जाने के बारे में बताया। बातचीत के दौरान ही राजेन्द्र सिंह ने फिल्पकार्ड कंपनी के वर्कर दोस्त राजेन्द्र रावत के साथ मिलकर डकैती का प्लान बनाया। प्लानिंग के तहत डकैती में शामिल साथियों की व्यवस्था राजेन्द्र सिंह ने खुद करने की कहा। वर्कर दोस्त राजेन्द्र रावत को सिर्फ कॉल कर कैश कलेक्शन एजेंट के आने-जाने के बारे में बताने की कहा।
डकैती के लिए यूज की रेंटल कार
प्लान के तहत राजेन्द्र सिंह ने अपने गांव के एड्रेस पर वैशाली नगर से रेंटल कार ली। तीन-चार साथियों के साथ रेंटल कार में बैठकर वारदातस्थल के इधर-उधर घूमते रहे। फिल्पकार्ड कंपनी में मौजूद साथी वर्कर राजेन्द्र रावत ने कैश कलेक्शन एजेंट पीयूष अग्रवाल (45) के आने-जाने की सूचना दी। बाइक पर बैठकर निकलते समय ही पीयूष अग्रवाल पर कार से आए बदमाशों ने पिस्तौल तान डंडो से पीटना शुरू कर दिया। करीब 5 लाख रुपए कैश से भरा बैग छीनकर कार में बैठकर बदमाश फरार हो गए। फुटेजों के आधार पर पीछा करते हुए पुलिस वैशाली नगर रेंटल कार डीलर तक जा पहुंची। रेंटल कार को जब्त कर जानकारी लेने पर मास्टर माइंड राजेन्द्र सिंह का नाम सामने आया।
पत्नी के साथ घूमने निकला
एडि. डीसीपी (वेस्ट) आलोक सिंघल ने बताया- वेस्ट जिले की डीएसटी सीआई गणेश, एएसआई मनेन्द्र, हेड कॉन्स्टेबल भरत व सुनील, कॉन्स्टेबल कोमल व साबर और झोटवाड़ा SHO राजेन्द्र सिंह, एएसआई राम सिंह, हेड कॉन्स्टेबल मालीराम व बलराम, कॉन्स्टेबल राकेश, करधनी थाने के कॉन्स्टेबल संदीप व शीशराम और कालवाड़ थाने के कॉन्स्टेबल हीरालाल की टीम बनाई गई। जांच में सामने आया कि वारदात के बाद रेंटल कार को वापस जमा करवाकर राजेन्द्र सिंह अपने घर आया। मास्टर माइंड राजेन्द्र सिंह अपने पत्नी को लेकर मकान के लॉक लगाकर घूमने निकल गया। संदिग्ध राजेन्द्र सिंह की तलाश में पुलिस टीमें दबिश देते हुए उसके करणी विहार स्थित घर तक पहुंच गई।
मकान लॉक मिलने पर उसे ट्रेस आउट करने में जुट गई। रविवार रात वापस लौटते ही पुलिस ने दबिश देकर उसको पकड़ा। पुलिस से बचकर भागने के दौरान गड्ढे में गिरकर उसका पैर टूट गया। पुलिस ने घायल राजेन्द्र सिंह को SMS हॉस्पिटल में एडमिट करवाया। मास्टर माइंड राजेन्द्र सिंह से प्रथमदृष्टया पूछताछ में सामने आया कि वह पाप धोने के लिए मंदिरों के दर्शन करने पत्नी के साथ चला गया था। राजेन्द्र सिंह से पूछताछ कर डकैती में शामिल बदमाश विजय सेन और राजेन्द्र रावत को दबिश देकर पकड़ा गया।