टोंक। जिले में वंदे जल संरक्षण के तहत चतुर्भुज तालाब पर आयोजित श्रमदान काम करने पहुंची शहरी नरेगा श्रमिकों ने हाजिरी नहीं लगाने पर नाराज हो गई। गुस्साई नरेगा लेबर ने घंटाघर पर धरना देकर प्रदर्शन किया। इससे जाम लग गया। इसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और समझाइश की। करीब 15-20 मिनट बाद महिलाएं धरने से उठी। ज्ञात रहे कि रविवार को बीजेपी की ओर से वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान” के तहत जिलाध्यक्ष चंद्रवीर सिंह चौहान के नेतृत्व में चतुर्भुज तालाब में श्रमदान कार्यक्रम रखा था। इसमें बीजेपी के कई पदाधिकारी और नेता, नगर परिषद कर्मचारी आए थे। इसमें नरेगा श्रमिकों को भी बुलाया था। ऐसे में 50 से ज्यादा महिला नरेगा श्रमिक भी रविवार सुबह चतुर्भुज तालाब पर गई थी। काम करने के बाद उन्हे बताया गया कि आज का पैसा नहीं मिलेगा। इससे नाराज महिलाएं अधिकारियों से चर्चा करने के लिए नगर परिषद आ गई। लेकिन यहां कोई नहीं मिला तो उन्होंने पास ही घंटाघर चौराहा पर आकर नारेबाजी की। फिर वहीं धरने पर बैठ गई। कुछ देर बाद पुलिस मौके पर पहुंची और समझाइश कर उन्हें उठाया।
अन्नपूर्ण डूंगरी क्षेत्र की शिमला, शकुंतला वर्मा ने बताया आज नरेगा का काम करवाने लिए बुलाया था। लेकिन इस दिन का मेहनताना देने से मना कर दिया। इससे परेशान होकर यह कदम उठाया। धर्म का काम था, पौधरोपण करने के लिए बुलाया था नगर परिषद टोंक के JTA मुकुल धर्मा ने कहा रविवार को चतुर्भुज तालाब पर पौधारोपण करना था। नरेगा श्रमिकों को भी इस धर्म के काम के लिए बुलाया था। फिर ये हाजरी लगवाने के लिए कह रही थी, जो कि नियमों में नहीं थे। इससे नाराज होकर 15-20 मिनट तक जाम लगा दिया।
Author: AKSHAY OJHA
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