Explore

Search
Close this search box.

Search

November 22, 2024 10:58 pm


लेटेस्ट न्यूज़

नायब तहसीलदार की डीपीसी में अनियमितताओं को लेकर सौंपा ज्ञापन : मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से लगाई गुहार; वरिष्ठता सूची में शामिल नहीं किए जाने की मांग

Picture of Pankaj Garg

Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

जयपुर। राजस्थान तहसीलदार सेवा परिषद ने भू अभिलेख निरीक्षक से नायब तहसीलदार पद पर 5 वर्ष बाद डीपीसी रिव्यू कर पदोन्नति देने के मामले में मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से इसकी जांच की गुहार लगाई है। परिषद के बजरंग जाखड़, सुमित भारद्वाज ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मुख्य सचिव सुधांश पंत को ज्ञापन में आरपीएससी की पूर्वानुमती नहीं लिए जाने का उल्लेख किया गया है। साथ ही वे क्या कारण रहे जिनके कारण डीपीसी रिव्यू की गई है। परिषद ने ज्ञापन के माध्यम से बताया है कि नॉन टीएसपी एरिया की वरिष्ठता सूची दिनांक तक राजस्व मंडल की वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं की गई है। राजस्थान तहसीलदार सेवा परिषद ने अपने ज्ञापन में कहा है कि डीपीसी हेतु पात्र कार्मिकों के विगत 7 वर्षों की APAR और विभागीय जांच/फौजदारी प्रकरणों की सूचनाएं जिला कलेक्टर के माध्यम से मंगवाई जाकर पात्रता जांच हेतु DPC के समक्ष रखा जाता है और केवल पात्र कार्मिकों की पदोन्नति की अनुशंसा की जाती है। परंतु TSP AREA की अंतिम वरिष्ठता सूची 26 जुलाई को जारी होने और 29 जुलाई को DPC बैठक आयोजित होने के मध्य केवल 2 दिवस में विभिन्न जिला कलेक्टर से 1124 कार्मिकों के संबंध में 5 से 10 वर्ष पुरानी सूचना मंगवाना और उनका विश्लेषण कर पाना संदेह के बीज़ प्रस्फुटित करता है। जिसकी पुष्टि 31 जुलाई के पदोन्नति आदेश के नोट 1 द्वारा भी होती है।

रिव्यू डीपीसी द्वारा जुलाई 2024 में 770 पदोन्नति की गई

परिषद ने अपने ज्ञापन में संदेह व्यक्त किया है कि ऐसी क्या जल्दबाजी थी कि इसमे 3 कार्मिकों की 2-2 DPC वर्ष में पदोन्नति किए जाने, ACB प्रकरण लंबित रहने पर भी पदोन्नति जैसी गलतियां भी आननफ़ानन में नहीं दुरुस्त की जा सकीं हैं। परिषद ने अपने ज्ञापन में कहा है कि रिव्यू डीपीसी द्वारा जुलाई 2024 में 770 पदोन्नति की गई है। जिसमें से 542 ऐसे कार्मिक हैं। जिनका नाम 2019 में जारी पदोन्नति आदेश में था। इन्हें 0-2 वर्ष अधिक सीनियर वर्ष में पदोन्नति का लाभ दिया है। जबकि इनमें से 90% से अधिक सेवानिवृत्त हो चुके और बाकी तहसीलदार पदोन्नत। इस प्रकार 5 वर्ष पूर्व हुई डीपीसी को रिव्यु किया जाकर 228 अधिक कार्मिकों की पदोन्नति 2019 तक किए जाने के पश्चात 2020-21 और इसके बाद की नियमित डीपीसी भी उसी दिन की गई। इस प्रक्रिया से इन्हें नायब तहसीलदार वरिष्ठता में 1 से 2 वर्ष का लाभ प्राप्त हुआ और दिसम्बर 2021 में RAS सीधी भर्ती से चयनित नायब तहसीलदार को वरिष्ठता सूची में नुकसान हुआ और तहसीलदार पदोन्नति के अवसरों में भी कटौती और देरी हुई।

पदोन्नत नायब तहसीलदारों को वरिष्ठता सूची में शामिल नहीं किए जाने की गुहार लगाई

बता दें कि एक वर्ष में एक कार्मिक को दो उत्तरोत्तर पदोन्नति दिया जाना विधिक रूप से वर्जित है, परंतु जिस प्रकार जुलाई माह में सभी नियमों और प्रक्रियाओं को ताक पर रख पदोन्नति करवाने में सफल रहे हैं अतः उक्त डीपीसी प्रक्रिया संदेह के दायरे में आ गई है। परिषद ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से मामले को दृष्टिगत रखते हुए उक्त भू अभिलेख निरीक्षक से नायब तहसीलदार की 2015-16 से 2019-20 रिव्यू डीपीसी और 2020-21 से 2022-2023 की नियमित पदोन्नति की जांच करवाई जाकर और जांच पूर्ण होने तक 31 जुलाई को जारी पदोन्नति आदेश से पदोन्नत नायब तहसीलदारों को वरिष्ठता सूची में शामिल नहीं किए जाने की गुहार लगाई है।

Author: JITESH PRAJAPAT

Leave a Comment

Ads
Live
Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर