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July 7, 2025 3:31 am


हादसे में जान-गंवाने वाले कोर्ट में पेशी पर आए थे : खाना खाने उतर रहे थे, तब ही ट्रक पलट गया; भाई बोला- पुलिसकर्मी ने वसूले 50 हजार

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

दौसा। जिले में कार पर ट्रक पलटने से 3 लोगों की मौत होने के मामले में नया खुलासा हुआ है। हादसे में जान गंवाने वाले तीनों कार सवार सिकराय कोर्ट में पेशी पर आए थे, लेकिन काम नहीं होने पर वे बालाजी कस्बे में स्टे करने पहुंचे थे।

देर शाम हाईवे के पास एक होटल पर खाना खाने के लिए कार से उतरने ही वाले थे कि हादसा हो गया। मृतकों की पहचान ग्वालियर (मध्यप्रदेश) निवासी कंचन(35) पुत्र राघवेन्द्र, सुमित(28) पुत्र भानुप्रताप और बाड़ी (धौलपुर) निवासी देवेन्द्र(52) पुत्र निहाल सिंह के रूप में हुई।

मामले में मृतक कंचन के भाई अजीत प्रताप सिंह ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने सिकंदरा थाना पुलिस के एएसआई पर मृतक भाई को परेशान करने व रुपए ऐंठने का आरोप लगाया।

परिजनों ने मंगलवार की सुबह पोस्टमॉर्टम से इनकार कर दिया तो मानपुर डिप्टी एसपी दीपक मीणा व थाना इंचार्ज गौरव प्रधान ने समझाइश की। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई हो सकी।

भाई बोला- डेढ़ महीने बाद केस में बुलाया, गाड़ी भी जब्त की

मृतक कंचन के भाई अजित प्रताप सिंह ने बताया- 8 नवंबर को जयपुर से ग्वालियर जाते समय सिकंदरा चौराहे पर उनकी कार का टायर फट गया था। इससे एक स्कूटी को टक्कर मारने के बाद कार दीवार से टकरा गई। पुलिस कार को थाने लेकर चली गई और स्कूटी सवार वहां से चला गया। इसके बाद एएसआई तेजसिंह चौधरी बार-बार फोन करके कंचन सिंह को परेशान करने लगा। स्कूटी वाले द्वारा रिपोर्ट नहीं देने पर पुलिस ने 50 हजार रुपए लेकर कार को छोड़ दिया।

इसके बाद दिसंबर महीने में एएसआई तेजसिंह चौधरी ने फोन करके बताया कि आपके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है, जमानत के लिए आना होगा। जवाब में कंचन ने कहा कि मैं नुकसान के रुपए दे चुका हूं तो फिर केस क्यों दर्ज हुआ। जवाब में एएसआई ने कार उठाने की धमकी दी।

एएसआई ने 20 दिसम्बर को कंचन के फोन पर बार कोड भेजा, जिस पर एएसआई को 3500 रुपए भेजें थे। लेकिन इसके बावजूद पुलिस ग्वालियर स्थित घर पहुंचीं और कार जब्त कर ली। कंचन के मौके पर नहीं मिलने पर सुमित से 25 हजार रुपए ले आए। बाद में एक लाख रुपए लेकर सिकराय कोर्ट में बुलाया। इसी मामले में सभी सिकराय कोर्ट आए थे।

हादसा 8 नवंबर को, एफआईआर 20 दिन बाद

परिजनों के अनुसार- इटावा निवासी हरिओम यादव ने 2 दिसंबर को मामला दर्ज कराया था कि वह केट कंपनी में कार्यरत है। 8 नवम्बर को स्कूटी से दौसा से भरतपुर की ओर जा रहा था कि सिकंदरा चौराहे पर एमपी नंबर कार ने स्कूटी को टक्कर मार दी। जिसमें ड्राइवर के हाथ में चोट लगी। हादसे के बाद कार व ड्राइवर को पुलिस ले गई। स्कूटी सवार ने 20 दिन बाद रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की।

ड्राइवर बोला- उतर ही रहे थे कि ट्रक हमारी कार पर पलट गया

इधर, कार ड्राइवर आशीष ने बताया- कंचन राजावत पर सिकराय में एक्सीडेंट से जुड़े केस में जमानत के लिए कोर्ट में वकील के पास आए थे। काम नहीं होने पर मंगलवार को फिर था। इसके बाद वे सभी स्टे करने मेहंदीपुर बालाजी चले गए। होटल में रूम लिया और खाने के लिए ढाबे पर पहुंचे थे। कार स्टार्ट खड़ी थी। वे नीचे उतरने ही वाले थे कि साइड ग्लास में पीछे से तेज स्पीड में ट्रक लहराता हुआ आया और कार के पीछे वाले हिस्से पर पलट गया। इससे पीछे की सीट पर बैठे तीनों साथियों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि आगे बैठे वे खुद और मृतक सुमित के पिता भानुप्रताप मुश्किल से बाहर निकलकर होटल पर बैठ गए।

थाना इंचार्ज बोले- कार्रवाई करेंगे

बालाजी थाना इंचार्ज गौरव प्रधान ने कहा- पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिए हैं। परिजनों ने सिकंदरा थाने के एएसआई पर आरोप लगाए है। रिपोर्ट दी है, जिसे जांच व कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा। हाईवे पर यातायात पुलिस तैनात रहती है, रोड सेफ्टी से जुडे इंतजामों के लिए नेशनल हाईवे प्राधिकर​ण को भी पत्र लिखेंगे।

एएसआई ने कहा- वे पुलिस थाने आने की बजाए सीधे कोर्ट चले गए

सिकंदरा थाने के एएसआई तेज सिंह का कहना है कि 8 नवंबर को हाईवे पर गिरधरपुरा के पास स्कूटी सवार को टक्कर मारने के बाद कार दीवार से भिड़ गई थी। हादसे में इटावा निवासी स्कूटी सवार घायल हो गया था, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा था, बाद में उसने 2 दिसंबर को पुलिस थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज करवाई।

मामले में कार्रवाई करते हुए बाड़ी निवासी देवेंद्र के साथ ग्वालियर पहुंचकर कार को जप्त करने की कार्रवाई की थी। लेकिन कार चालक कंचन राजावत मौके पर नहीं मिला और आगे की कार्रवाई के लिए उसने सिकंदरा आने के लिए बोला। इसके बाद ग्वालियर से वापस आते वक्त मुरैना के पास उनकी कार का भी एक्सीडेंट हो गया, लेकिन बाल-बाल बच गए।

वे सोमवार को पुलिस थाने आने की बजाए सिकराय कोर्ट में वकील के पास चले गए। इसके बाद कि मुझे जानकारी नहीं है। वहीं स्कूटी एक्सीडेंट के मामले में कार चालक से रुपए लेने के आरोपों को बेबुनियाद बताया।

Author: JITESH PRAJAPAT

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