जैसलमेर। जिले के बईया गांव में निजी कंपनी के सब स्टेशन का काम सोमवार को शुरू हुआ। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। इसके साथ ही ओरण बचाने के लिए जारी धरना भी समाप्त हो गया। प्रशासन ने निजी कंपनी को 812 बीघा जमीन दूसरी जगह अलोट करने व मुंह बोली ओरण की जमीन को ओरण के रूप में रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज करवाने के लिए प्रयास करने के आश्वासन के बाद सोमवार को काम शुरू होने के बाद ग्रामीण माने और अपना धरना उठाया। गौरतलब है कि जैसलमेर के बईया गांव में सोलर की निजी कंपनी को सरकार द्वारा जमीन अलोट की गई थी। मगर गांव के ग्रामीणों को 812 बीघा जमीन पर आपत्ति थी।
ग्रामीणों का आरोप था कि ये जमीन मुंह बोली ओरण की है। इसको लेकर ग्रामीणों ने निजी कंपनी के काम को भी रुकवा दिया। इस विवाद में शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी भी कूदे और ग्रामीणों को समर्थन दिया। प्रशासन द्वारा ओरण की जमीन को रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज करवाने के आश्वासन और 812 बीघा जमीन कहीं और अलोट करने के बाद ग्रामीण माने। वहीं सोमवार को भारी पुलिस बल के साथ कंपनी के सब स्टेशन का काम शुरू हुआ।
क्या है मामला
दरअसल, जैसलमेर के बईया गांव में निजी कंपनी ग्रिड सब स्टेशन (GSS) का निर्माण कर रही है। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि ओरण की जमीन को पहले सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए। ओरण (संरक्षित जमीन) भूमि को बचाने के लिए ग्रामीण 62 दिनों से धरने पर बैठे थे। इस दौरान शिव विधायक पर राजकार्य में बाधा का मामला भी दर्ज किया गया। प्रशासन द्वारा सोमवार को भारी पुलिस बंदोबस्त के साथ सब स्टेशन का काम शुरू किया गया।
600 मेगावाट का सोलर प्लांट लगेगा
अडानी ग्रीन एनर्जी के वाइस प्रेसिडेंट, आलोक चतुर्वेदी ने बताया- 600 मेगावाट के सोलर प्लांट के लिए कंपनी को सरकार की तरफ से 3304 एकड़ जमीन अलोट हुई। जबकि 229 एकड़ निजी खातेदारी की है। इसमें 9.62 एकड़ जमीन पर सब स्टेशन का निर्माण होना है। ये प्रोजेक्ट मैसर्स अडानी सोलर एनर्जी बाड़मेर वन प्राइवेट लिमिटेड का है। इसको लेकर 812 बीघा जमीन सरकार ने दूसरी जगह अलोट कर दी है। कंपनी ने प्रशासन और पुलिस की मदद से सोमवार को सब स्टेशन का काम शुरू किया है। आलोक चतुर्वेदी ने बताया- कंपनी सौहार्दपूर्ण वातावरण में कार्य करना चाहती है, और जिले के विकास के साथ साथ प्रदेश को ग्रीन एनर्जी में देश में नंबर वन लाना चाहती है ताकि पर्यावरण को ग्रीन एनर्जी से संरक्षित किया जा सके।