दौसा। जिले की एडीजे कोर्ट ने 11 साल पहले हुए झगड़े में 5 लोगों को दोषी ठहराते हुए 5-5 साल का साधारण कारावास और 5-5 हजार रुपए से दंडित किया है। दोषियों में एक की मौत हो गई, जिसके खिलाफ कार्रवाई को ड्रॉप कर दिया। घटनाक्रम सदर थाना क्षेत्र के सूरजपुरा गांव की बाढ़ की ढाणी में 25 जून 2014 का है। उस दिन सीताराम व प्रभुदयाल घर जा रहे थे। इस दौरान रास्ते में रोककर हरफूल, कैलाश, लखन, राजेंद्र, नरेश, बद्री, नैना, गोपाली, मीरा, आशा पुत्री कैलाश ने एकराय होकर लाठी-डंडे व धारदार हथियार कुल्हाड़ी से सीताराम व प्रभुलाल पर हमला बोल दिया, जिसमें दोनों गंभीर घायल हो गए। मारपीट की आवाज सुनकर नानगराम, रामखिलाड़ी, भौंरी देवी बीच बचाव करने आए तो उनके साथ भी मारपीट कर दी, जहां नानगराम व रामखिलाड़ी के भी चोट आईं।
मामले में हरिनारायण ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि खेजड़ी के पेड़ की कटाई को लेकर विवाद हुआ था। उस दिन सुबह 8-9 बजे बड़ा भाई सीताराम व प्रभुदयाल घर जा रहे थे। इस दौरान रास्ते में एक झोंपड़ी में घात लगाकर बैठे आरोपियों ने सीताराम व प्रभुदयाल को घेर लिया और लाठी-डंडों व कुल्हाड़ी से हमला बोल दिया।
सदर थाना पुलिस ने मामले की तफ्तीश पूरी कर बद्री ऊर्फ बद्रीनारायण, हरफूल, कैलाश, गोपाली व नहना के खिलाफ चालान पेश किया। इसमें बद्रीनारायण की 27 जनवरी 2023 को मौत हो गई, जिससे उसके खिलाफ कार्रवाई ड्रॉप कर दी गई। लोक अभियोजक की ओर से इस मामले में 20 गवाह व 40 दस्तावेज पेश किए।
वहीं परिवादी की ओर से अधिवक्ता सुधीर जैन ने पैरवी की। एडीजे समरेंद्र सिंह सिकरवार ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोषी बद्री ऊर्फ बद्रीनारायण, हरफूल, कैलाश, गोपाली व नहना को सीताराम तथा प्रभुदयाल की हत्या के प्रयास में 5-5 साल कारावास की सजा सुनाई है।
साथ ही 5-5 हजार रुपए जुर्माना भी किया है। इसमें बद्री ऊर्फ बद्रीनारायण की करीब 2 साल पूर्व मौत होने पर उसके खिलाफ कार्रवाई ड्रॉप कर दी। वहीं सीताराम व प्रभुदयाल की गंभीर चोट के मद्देनजर राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीम के अंतर्गत प्रतिकर राशि दिए जाने की अनुशंषा भी की है।