जैसलमेर। सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने मानवता और सेवा भाव का परिचय देते हुए एक बीमार हिरण को रेस्क्यू कर उसकी जान बचाई। दरअसल, भारत-पाक सरहद के पास ड्यूटी कर रहे 38बीएन बटालियन के जवानों को एक बीमार चिंकारा हिरण मिला। सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने तुरंत हिरण को रेस्क्यू करते हुए वन विभाग को सूचना दी। 38 BSF के कमांडेंट राकेश पंवार ने बताया- हिरण काफी बीमार हालात में था। अगर समय रहते उसको इलाज नहीं मिलता तो उसकी जान भी जा सकती थी। तुरंत वन विभाग को जानकारी देकर मौके पर बुलाया गया और हिरण को सुरक्षित वन विभाग को सौंपा गया। हिरण की जान बचाने पर वन विभाग के अधिकारियों ने BSF के जवानों का आभार जताया।
तारबंदी के पास मिला बीमार हिरण
BSF की 38वीं बटालियन के कमांडेंट राकेश पंवार ने बताया- बीती रात भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात सतर्क जवानों ने अपनी कर्तव्य परायणता और मानवीय संवेदनशीलता का परिचय देते हुए एक मृग की जान बचाने का अनुकरणीय काम किया। तारबंदी के नजदीकी इलाके में एक बीमार मृग को देखा गया, जो पूरी तरह से हिलने-डुलने में असमर्थ था। घटना की जानकारी मिलने पर तुरंत तत्परता दिखाते हुए वन अधिकारी, भारेवाला, को सूचित किया गया। इस दौरान BSF के जवानों ने अपनी जिम्मेदारी का पालन करते हुए वन अधिकारियों के आने तक बीमार हिरण की सुरक्षा की। भारेवाला वन रेंज के प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे, जिन्होंने मृग की जांच की। BSF के जवानों और वन विभाग के कर्मचारियों ने साथ मिलकर बीमार हिरण को गाड़ी में सुरक्षित रखवाया। हिरण को भारेवाला वन्य रेंज के बचाव दल के साथ उसे इलाज एवं बचाव के लिए भेजा गया।
सरहद की रक्षा के साथ जीव रक्षा भी
कमांडेंट पंवार ने बताया- सीमा सुरक्षा बल केवल राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि हर परिस्थिति में निस्वार्थ सेवा, मानवता और जीवों के प्रति संवेदनशीलता का परिचय भी देती है। BSF के जवानों द्वारा दिखाई गई संवेदनशीलता और करुणा न केवल संगठन की महान परंपराओं को दर्शाता है, बल्कि “कर्तव्य, निष्ठा और बलिदान” के अपने आदर्श वाक्य को भी चरितार्थ करता है। BSF सदैव देश, समाज और प्रकृति की रक्षा के लिए तत्पर है।