चित्तौड़गढ़। शहर के प्रताप नगर इलाके में 6 अक्टूबर को हुई चेन स्नेचिंग की वारदात का पुलिस ने खुलासा किया है। इस मामले में दो शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। शहर के प्रताप नगर इलाके में 6 अक्टूबर को हुई चेन स्नेचिंग की वारदात का पुलिस ने खुलासा किया है। इस मामले में दो शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। बदमाशों से वारदात के समय यूज की गई मोटरसाइकिल भी जप्त की गई है। यह फाइनेंस रिकवरी के दौरान सीजिंग की हुई बाइक थी। दोनों आरोपी वारदात के दूसरे दिन ही सूरत भाग गए थे। पुलिस भी इनके पीछे गई थी। सूरत से वापस आते समय दोनों भीलवाड़ा उतरे, जहां पीछा कर रही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। इस खुलासे में सदर थाना पुलिस और साइबर सेल की पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई की है। बता दे कि एक आरोपी रणजीत के खिलाफ अलग-अलग राज्यों के थानों में 40 मामले दर्ज है। जिनमें से महाराष्ट्र में दर्ज तीन मामलों में आरोपी वांछित है। रणजीत बेगूं थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है। जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि 6 अक्टूबर को प्रताप नगर निवासी रतन देवी खाब्या के गले से बाइक सवार दो अज्ञात बदमाशों ने चेन छीन कर भागे थे। महिला ने जोर से चेन पकड़ ली जिसके कारण आधी चेन महिला के हाथ में ही रह गई थी। सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामला दर्ज कर लिया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च अधिकारियों के सुपरविजन में सदर थाना जाब्ता और साइबर सेल की एक संयुक्त टीम बनाई गई। आसपास की सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए।
चेहरे से हटाया रुमाल तो आरोपी की हुई पहचान
150 सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद पुलिस को पता चला कि यह बाइक सवार बेगूं की तरफ गए। बेगूं में भी जब कई सीसीटीवी फुटेज देखे गए तो पीछे बैठे आरोपी बेगूं निवासी रणजीत उर्फ राजवीर पुत्र बंशीलाल खटीक का चेहरा दिख गया। रणजीत ने वारदात के समय अपना चेहरा ढक रखा था। लेकिन बेगूं पहुंचते ही उसने अपने चेहरे से रुमाल हटा दिया था। जबकि आगे बाइक चला रहा आरोपी निंबाहेड़ा हाल बेगूं निवासी चंद्र सिंह उर्फ राघव उर्फ चिंटू पुत्र शंकर सिंह राजपूत ने आखरी तक हेलमेट लगा रखा था।
वारदात के दूसरे दिन सूरत भाग निकले आरोपी
आरोपी रणजीत की पहचान होने के बाद पुलिस ने चंद्र सिंह का भी जल्दी ही पता कर लिया था। पुलिस उन तक पहुंच पाती उससे पहले ही दोनों वारदात के अगले दिन गुजरात के सूरत चले गए। पुलिस को जब इस बात की जानकारी हुई तो वह भी सूरत पहुंच गए। लेकिन दोनों आरोपी तब वापस आने के लिए ट्रेन में बैठकर रवाना हो गए। उनका पीछा कर रही टीम भी ट्रेन से रवाना हुई। दोनों ही आरोपी भीलवाड़ा उतर गए। जहां टीम ने दोनों को डिटेन कर लिया। दोनों को चित्तौड़ लाया गया और पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया।
फाइनेंस रिकवरी में किस्त के बदले सीज हुई बाइक का किया यूज
रणजीत और चिंटू दोनों ही बेगूं में ही रहते है। चिंटू के निंबाहेड़ा से बेगूं में शिफ्ट होने के बाद दोनों दोस्त बन गए। चंद्र सिंह फाइनेंस कंपनी में रिकवरी का काम करता है। जहां वह रिकवरी में किस्त समय पर ना देने पर ग्राहकों के बाइक को सीजिंग करने का काम करता है। उसने इस वारदात में सीजिंग की हुई बाइक का इस्तेमाल किया है। इस काम के कारण उसे चित्तौड़, बेगूं या अन्य जगहों पर रास्ते पता है। आरोपी ने चेन घर पर रखने की बात कही। जिसपर पुलिस अब बरामदगी की कोशिश में लग गई है।
महाराष्ट्र में चेन स्नेचिंग करते हुए महिला ने ही पकड़ा था
आरोपी रणजीत खटीक ने अलग-अलग राज्यों में करीब 40 वारदातों को अंजाम दिया है। इनमें से 6 मामले महाराष्ट्र में दर्ज है। महाराष्ट्र में दर्ज हुई 3 मामलों में आरोपी वांछित है। रणजीत बेगूं थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है। पहले वो बाइक चोरी का ही काम करता था। उसके बाद उसने धीरे-धीरे प्रतापगढ़ से स्मैक बेगूं लाकर बेचने लगा। वह खुद भी नशे का आदी है। भीलवाड़ा में भी उसने 20 से 25 बाइक चोरी के मामले में पकड़ा गया था। महाराष्ट्र में चेन स्नेचिंग के दौरान महिला ने भी उसे पकड़ लिया था। उसे दौरान उसके पास बाइक नहीं थी इसलिए वह ट्रेन से गया था। छीना झपटी में महिला ने ही उसे पकड़ा था। उसके खिलाफ चेन स्नेचिंग, बाइक चोरी, नकबजनी, आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज है।
राजस्थान, एमपी और महाराष्ट्र में किए वारदात
रणजीत ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर भीलवाड़ा के मांडलगढ़ में 1 वारदात, बिजौलिया में 3, भीलवाड़ा शहर में पांच वारदात, चित्तौड़गढ़ जिले के पारसोली में 1, बेगूं में 16 वारदातें की है। इसके अलावा चित्तौड़गढ़ शहर में तीन वारदात, रावतभाटा में एक वारदात, कोटा शहर में तीन, उदयपुर के सुरजपोल में 1, मध्य प्रदेश के नीमच शहर में 3 , मनासा में 2, बोरीवली, महाराष्ट्र में तीन वारदातें की है। एक महीना पहले ही भीलवाड़ा के बिजोलिया में चेन स्नेचिंग की वारदात को भी अंजाम दिया था। इस कार्रवाई करने वाली टीम में सदर थानाधिकारी गजेंद्र सिंह, एएसआई नागजीराम, कांस्टेबल बलवंत सिंह, कुलदीप कृष्ण, गजेंद्र सिंह और विनोद कुमार, साइबर सेल से हेड कॉन्स्टेबल राजकुमार, कांस्टेबल रामावतार शामिल थे। इस पूरे मामले में आरोपियों की पहचान करना मुख्य काम था। जिले की साइबर टीम ने सीसीटीवी फुटेज देख आरोपियों की आइडेंटी बताई।