सवाई माधोपुर। जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी मंगलवार को सवाई माधोपुर के दौरे पर रहे। यहां उन्होंने कलेक्ट्रेट सभागार में विभागीय अधिकारियों की बैठक ली और कार्यों की बिन्दुवार समीक्षा की। इस दौरान मंत्री ने लापरवाह अधिकारियों की जमकर क्लास ली और फटकार लगाई। मंत्री के सवालों का जवाब नहीं दे पाए अधिकारी विभागीय योजनाओं व पेयजल समस्याओं को लेकर मंत्री के सवालों का विभागीय अधिकारी जवाब नहीं दे पाए और एक दूसरे का मुंह ताकते रहे। जलदाय मंत्री ने पाली घाट से सवाई माधोपुर मुख्यालय के लिए योजना नहीं बनाए जाने पर खासी नाराजगी जताई। साथ ही जिले के 284 गांवों के लिए 15 वर्षीय योजना बनाए जाने पर प्रोजेक्ट बनाने वाले अधिकारियों पर सवाल खड़े किए।
15 साल की योजना पर नाराज हुए मंत्री जलदाय विभाग के XEn हरज्ञान मीणा से जलदाय मंत्री ने क्षेत्र की पेयजल योजना के बारे में विस्तार से पूछा। इस पर XEn मीणा ने बताया कि सवाई माधोपुर के 284 गांवों के लिए 15 साल की योजना प्रगतिशील है। इस पर मंत्री खासे नाराज हुए तथा कहा कि ERCP के तहत ईसरदा बांध से 2053 तक के लिए लोगों को पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। सवाई माधोपुर के गांवों के लिए सिर्फ 15 साल के लिए प्रोजेक्ट बनाया गया है। इसके बाद पेयजल समस्या उत्पन्न होती है तो फिर विभाग किस प्रकार लोगों को पानी उपलब्ध करा पाएगा। लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त जलदाय मंत्री ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि अब तक 2012 का काम पेंडिंग हैं। ठेकेदार काम करना ही नहीं चाहता है। यदि ठेकेदार विभाग के खिलाफ कोर्ट में गया है तो विभाग भी अपना वकील खड़ा करे। ठेकेदार की पूरी फाइल जलदाय मंत्रालय पहुंचाओ। उन्होंने कहा कि विभाग के मेजरमेंट में कमी है। ट्यूबवेल कैसे सूख सकते हैं। 284 गांवों को 15 साल बाद पानी केसे दोगे, किसने प्लान बनाया है, चार्ज सीट किसे दूं। यदि कोई ट्यूबवेल सूख गया है तो विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी है। हम जनता के वकील है। जनता को जवाब कौन देगा। जिस अधिकारी को काम नहीं करना है अपना इस्तीफा देकर जाओ, लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।