जैसलमेर। जिला मुख्यालय से करीब 100 किमी दूर बईया गांव में बुधवार को एक निजी सोलर पावर कंपनी अडानी सोलर पावर द्वारा अपने सोलर पावर प्रोजेक्ट के लिए शुरू किये कार्य के दौरान बवाल मच गया। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने कम्पनी द्वारा काटे जा रहे पेड़ों की कटाई का विरोध करते हुए इस पावर प्रोजेक्ट के निर्माण का कार्य रुकवा दिया। जिसको लेकर पुलिस ने 14 लोगों को हिरासत में भी लिया। इस मामले में शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी बुधवार रात झिनझिनयाली थाने पहुंचे और पुलिस की कार्यप्रणाली का विरोध जताया। शिव विधायक का कहना है कि पुलिस ग्रामीणों की आवाज को दबा रही है और कंपनी के लिए काम कर रही है इसलिए वो अपनी गिरफ्तारी देने आए है। शिव विधायक समेत सैकड़ों लोगों द्वारा धरना देने पर पुलिस ने 14 ग्रामीणों को छोड़ा।
‘राइजिंग राजस्थान का विरोध नहीं कर रहे‘
इस मौके पर शिव विधायक ने बताया- सरकार राइजिंग राजस्थान के नाम पर इन्वेस्टमेंट लेकर आ रही है। वे इसके खिलाफ नहीं है मगर हमारे यहां के ओरण-गोचर की ज़मीनों को किसी भी कीमत पर सोलर और विंड कंपनियों के हवाले नहीं करेंगे। कंपनियों को सब सोच समझ कर और स्थानीय मुद्दों को देखते हुए ही काम करना होगा। अन्यथा उनको काम नहीं करने दिया जाएगा।
‘वनस्पति, पेड़-पौधों और पशु पक्षी का भी ख्याल करना होगा‘
विधायक भाटी बोले- हम चाहते हैं कि कंपनियां आए, इंडस्ट्रीज आए मगर इस इलाके का इस क्षेत्र का पूरा ख्याल रखे। सोलर और विंड के नाम पर जो ओरण-गोचर पर अतिक्रमण हो रहा है उसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इन सभी कंपनियों को प्रोपर प्लानिंग और मैनेजमेंट से काम करना होगा। इस इलाके की वनस्पति, पेड़ पौधे और पशु पक्षियों का भी ख्याल करना होगा। उम्मीद है कि सरकार इसको लेकर समय रहते संवेदनशील होकर कदम उठाए। अगर नहीं हुआ तो हम लड़ने वाले लोग हैं, भगत सिंह को फॉलो करते हैं और सरकारों से लड़ेंगे। सरकारें बहरी होगी तो भगत सिंह की तरह धमाका करके सुनाएंगे।
क्या है मामला…
जैसलमेर जिले के झिनझिनयाली थाना इलाके के बईया गांव के पास अडानी सोलर कंपनी ने अपना काम शुरू किया। हालांकि फिलहाल कंपनी द्वारा निजी खातेदारी की भूमि में कार्य शुरू किया गया है। लेकिन ग्रामीणों का ये विरोध है कि इस भूमि के पास करीब 2500 हजार बीघा से भी जिस सरकारी भूमि के अलॉटमेंट के लिये आवेदन किया है, वो एक माताजी के मंदिर की ओरण गोचर लैंड है, जिसे फिलहाल ओरण का दर्जा नहीं मिला है। कार्यस्थल पर भारी विरोध के चलते झिनझिनयाली पुलिस थाना अधिकारी सुरजा राम मौके पर पहुंचे और 3 दर्जन से ग्रामीणों को डिटेन कर थाने लाया गया। पुलिस के अनुसार उसमे से 14 ग्रामीणों को शांतिभंग करने की धाराओं में गिरफ्तार किया गया, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया।