हजारों बीघा विभागीय भुमि पर अवैध ट्यूबवेल खुदवाकर हो रही अवैध काश्त, राजस्व प्रशासन बना मूक दर्शक
वर्ष 1988-89 में जेठा फार्म के लिए पशु विज्ञान केंद्र को हुई थी आवंटित
जैसलमेर
जिले के पटवार मंडल चांदन के राजस्व ग्राम सगरा में लगभग 35 साल पूर्व पशु विज्ञान केंद्र को जेठा फार्म के लिए आवंटित हुई भुमि पर अब भूमाफियाओं की नापाक नजरें गड़ चुकी हैं। वर्ष 1988-89 में राज्य सरकार के आदेश से जेठा फार्म को सगरा गांव में आवंटित लगभग 2547 बीघा जमीन पर अवैध काश्त की जा रही हैं। जिसमें भूमाफियाओं ने सिस्टम से सेटिंग कर अवैध ट्यूबवेल तक लगा रखे हैं और धड़ल्ले से अवैध काश्त की जा रही हैं मगर जिला एवं राजस्व प्रशासन मूक दर्शक बन तमाशा देख रहा हैं वहीं राजस्व विभाग के निचले स्तर के कर्मचारी चांदी कूटने में लगे हुए हैं।
फार्म की गायों की चराई के लिए आवंटित हुई थी 2547 बीघा जमीन
राजस्व रिकार्ड के अनुसार राजस्व ग्राम सगरा पटवार हल्का चांधन के खसरा नंबर 8, 9, 10, 11, 11/287, 211, 36, 41, 42, 42/288, 43, 43/289, 11/376 और 11/377 साथ ही खसरा संख्या 226 (जो कि सिवाय चक हैं) में लगभग 2547 बीघा भुमि जेठा फार्म के नाम से दर्ज हैं। उक्त भुमि राज्य सरकार ने जेठा गांव के पशु फार्म में आने वाली गायों के लिए घास उगाने और चराई हेतु आवंटित की गई थी। मगर वर्तमान में सम्बंधित विभाग की अनदेखी अथवा लापरवाही तथा राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से उक्त हजारों बीघा जमीन पर अतिक्रमण कर कृषि काश्त की जा रही हैं। यहां तक कि इस जमीन में भारी संख्या में अवैध ट्यूबवेल भी लगा रखे हैं, मगर जिम्मेदार आंखे मूंदकर तमाशा देखते नजर आ रहे हैं।
माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन हैं जनहित याचिका
उक्त भूमि के संबंध में एक ग्रामीण द्वारा माननीय उच्च न्यायालय मे एक जनहित याचिका संख्या 8402/2024 लगा रखी हैं जो कि विचाराधीन है, जिसमें माननीय न्यायालय ने जिला और राजस्व विभाग से जवाब तलब किया हैं। बावजूद इसके भू माफिया प्रवृति के लोग उक्त विभागीय भूमि पर अतिक्रमण कर नित नए ट्यूबेल खुदवा रहे हैं। इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा बार बार जिला प्रशासन को शिकायतें ओर ज्ञापन भी दिए गए मगर जिला प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। जबकि माननीय न्यायालय ने ओरण, गोचर ओर आगोर के संबंध में स्पष्ट दिशा निर्देश दे रखे कि ऐसे अतिक्रमणों को तुरंत हटाकर बेदखली की कार्यवाही की जावे।
2020 में तत्कालीन जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने मुक्त करवाई थी 1700 बीघा जमीन
भू माफियाओं के उक्त अतिक्रमणों पर तत्कालीन जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने वर्ष 2020 में ठोस कार्यवाही करते हुए लगभग 1700 बीघा जमीन पर से अतिक्रमण हटा कर भू माफियाओं की कमर तोड़ने का काम किया था, मगर बाद में भू माफिया प्रवृति के लोग पुनः सक्रिय हो गए और उक्त सरकारी भूमि पर पुनः कब्जा कर लिया। इन लोगों के हौसले इतने बुलन्द है कि ये लोग प्रशासन व न्यायालय में वाद विचाराधीन होने के बावजूद भी इन लोगों मे किसी तरह का कोई भय नहीं है। अगर समय रहते उक्त हो रहे अतिक्रमण को हटाया नहीं गया तो ये लोग सरकारी भूमि पर स्थायी रूप से काबिज हो जाएंगे।
हल्का पटवारी ने भी कर रखी हैं अवैध काश्त – सूत्र
कहावत हैं कि “बिल्ली को दूध की रखवाली पे बिठाया जाए तो को कैसी रखवाली करेगी?” यही कहावत यहां फिट बैठती नजर आ रही हैं। ग्रामीण सूत्रों के अनुसार सगरा गांव के खसरा संख्या में 11 में चांदन पटवार मंडल के पटवारी ने ही एक बेनामी कब्जा कर रखा हैं, जहां पर अवैध ट्यूबवेल के माध्यम से काश्त की जा रही हैं। अब “जब बाड़ ही खेत खाए तो कोई क्या करे” वाली कहावत चरितार्थ होती नजर आ रही हैं। जिसके जिम्मे भुमि की सुरक्षा की जिम्मेदारी हैं वहीं यदि अतिक्रमण करने लगे तो बाकी कब्जेदारों से क्या उम्मीद की जा सकती हैं? ये जगजाहिर हैं।
क्या कहना हैं इनका
हलका पटवारी कमलेश सिंह से बात करने पर बताया कि मेरे विरुद्ध लगाए गए आरोप झूठे हैं और मैने कोई अतिक्रमण या अवैध काश्त नहीं कर रखी हैं। जहां तक अवैध अतिक्रमणों की बात हैं तो अतिक्रमियों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं और आगामी 5 से दस दिन में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही आरम्भ कर दी जाएगी।
Author: seu ram
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