हनुमानगढ़। राजस्थान पेंशनर समाज की ओर से मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट परिसर स्थित पेंशनर हॉल में पेंशनर्स दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में जिलाध्यक्ष आरएल कक्कड़ ने पेंशनर्स को पेंशनर दिवस मनाने के महत्व की जानकारी दी।
कक्कड़ ने कि बताया कि रक्षा मंत्रालय के तत्कालीन वित्त अधिकारी डीएस नाकारा साल 1972 में रिटायर हुए थे और उन्हें दूसरे पेंशनरों की तरह ही अपनी पेंशन प्राप्त करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, इसलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की। आखिरकर 17 दिसम्बर 1982 के दिन सुप्रीम कोर्ट ने पेंशनरों के पक्ष में फैसला सुनाया।
भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दिवंगत जस्टिस वाई वी चंद्रचूड़ ने पेंशनरों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा था कि पेंशन न तो नियोक्ता की इच्छा पर निर्भर करता है, न ही यह अनुग्रह का विषय है और न ही पूर्व भुगतान का। पेंशन तो सेवानिवृत्त कर्मचारी को उसकी ओर से प्रदान की गई पिछली सेवाओं का भुगतान है, यह एक सामाजिक कल्याणकारी न्याय है जो अपने जीवन के सुनहरे दिनों में नियोक्ता के लिए इस आश्वासन पर काम करते रहे कि वे वृद्धावस्था में उन्हें आर्थिक तौर पर असहाय नहीं होने देंगे।
उन्होंने बताया कि समाज की ओर से हनुमानगढ़ में 1994 से पेंशनर दिवस मनाया जाता है। कार्यक्रम में 80 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके लगभग 75 पेंशन धारियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मौजूद भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य प्रबंधक लक्ष्मण राम ने पेंशनर्स को साइबर क्राइम से बचने के लिए उपाय बताए।