अलवर। नगर निगम अलवर की स्वच्छता रैंकिंग सुधारने के प्रयास तेज हो गए हैं। अब कचरा समय पर उठे और दीवार अच्छी नजर आएं। इसके प्रयास नजर आने लगे हैं। वहीं दीवारों पर राजस्थानी लोक संस्कृति का रंग निखरने लगा है ताकि बस-कार से निकलते समय अलवर शहर में गंदगी नजर नहीं आए। इस मामले में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और वन मंत्री संजय शर्मा का बराबर फोकस है, जिसकी जिम्मेदारी अलवर कलेक्टर डॉ. अर्तिका शुक्ला व नगर निगम के आयुक्त जितेंद्र नरूका पर है।
कलेक्टर डॉ अर्तिका शुक्ला ने बताया- एक जनवरी से अलवर शहर में कचरा उठाने वाले ऑटो टिपर जीपीएस से कनेक्ट रहेंगे। आमजन भी यह पता कर सकेगा कि ऑटो टिपर कहां पहुंचा है। कितनी देर में घर के सामने आने वाला है। ऐसा होने पर आमजन को ऑटो टिपर में ही कचरा डालने की आदत बनेगी। घर के बाहर या आस-पास कचरा फेंकना बंद होगा तो शहर अपने आपस साफ होता जाएगा।
इससे पहले अतुल्य अलवर अभियान के तहत आमजन को कचरे की फोटो अपलोड करने का विकल्प दिया गया, जिसके जरिए शहर में सफाई होती है। कहीं कचरा मिलने की शिकायत आती है वहीं टीम पहुंचती है। आगे ऑटो टिपर समय पर पहुंचेंगे तो कचरा कम से कम रोड पर फेंका जाएगा। इसके लिए आमजन का सहयोग भी जरूरी है। इस तरह के अभियान से आमजन को अधिक से अधिक जुड़ने की जरूरत है। तभी सबके सहयोग से शहर को स्वच्छ बना सकते हैं।
नगर निगम के आयुक्त जितेंद्र नरूका ने बताया- अभी शहर की दीवारों को साफ-सुथरा बनाने में लगी है। राजस्थान लोक संस्कृति का रंग मुख्य रोड की दीवारों पर किया जाने लगा है। ताकि शहर की मुख्य रोड की सड़कें सुंदर दिखें। असल में अलवर की स्वच्छता रैंकिंग में सुधार करने का लक्ष्य है, जिसे ध्यान में रखते हुए काम करने में लगे हैं। आमजन का सहयाेग हर स्टेप पर जरूरी है। मुख्य बाजारों के दुकान मालिकों को भी अभियान से जुडृकर सफाई के प्रति जागरूक रहना पड़ेगा।