Explore

Search

July 7, 2025 12:37 am


180 की स्पीड में एक बूंद पानी नहीं छलका : रेल मंत्री ने X पर वंदे भारत स्लीपर के ट्रायल का वीडियो शेयर किया

Picture of Pankaj Garg

Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

कोटा। कोटा मंडल में दिल्ली मुंबई रेलवे ट्रैक पर लखनऊ स्थित आरडीएसओ टीम द्वारा वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का ट्रायल किया जा रहा है। कोटा मंडल में 180 किमी/घंटा की स्पीड से सफल ट्रायल के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने एक्स (X) अकाउंट पर वंदे भारत स्लीपर के ट्रायल का वीडियो पोस्ट किया है।

फोन के स्पीडोमीटर पर देखी ट्रेन की स्पीड

इस वीडियो में वंदे भारत स्लीपर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ती हुई दिखाई दे रही है। ट्रेन की स्पीड एक फोन के स्पीडोमीटर पर देखी जा सकती है। फोन के पास में एक पानी का गिलास रखा हुआ है। जो पूरा भरा हुआ है। हैरानी की बात यह है कि गिलास में से एक बूंद भी पानी बाहर नहीं निकल रहा। वीडियो में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के भीतर रखे गिलास में पानी को स्थिर दिख रहा है। चलती ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड और स्थिर गति प्राप्त करती है। हाई-स्पीड रेल यात्रा में वंदे भारत यात्रियों को आराम का अनुभव कराती है। यह पोस्ट 3 दिनों के सफल ट्रायल के बाद आया है।

2 जनवरी को हुआ 30 किमी लंबा ट्रायल रन

गुरुवार 2 जनवरी को बूंदी जिले में कोटा और लबान के बीच 30 किलोमीटर लंबे ट्रायल रन के दौरान ट्रेन ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया गया। वहीं 1 जनवरी को रोहल खुर्द से कोटा के बीच 40 किलोमीटर लंबे ट्रायल रन में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे रफ्तार पकड़ी। इसी दिन कोटा-नागदा और रोहल खुर्द-चौमहला सेक्शन पर 170 किलोमीटर प्रति घंटे और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से ट्रायल किया गया।

यात्री भार के बराबर वजन रखा

ट्रायल के दौरान ट्रेन में यात्री भार के बराबर वजन रखा गया। यह ट्रायल वन्दे भारत स्लीपर रैक के विभिन्न तकनीकी मानकों के विश्लेषण के लिए किया जा रहा है। जिसमे कपलर फोर्स, एयर सस्पेंशन, ब्रेकिंग सिस्टम, घुमाव ट्रैक पर गति इत्यादि का परीक्षण शामिल है। अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) लखनऊ की निगरानी में ये ट्रायल जनवरी महीने तक जारी रहेंगे।

ट्रायल के बाद क्या

परीक्षण पूरे हो जाने के बाद, रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा अधिकतम गति पर ट्रेन का मूल्यांकन किया जाएगा। अंतिम चरण में सफल होने के बाद ही, वंदे भारत ट्रेनों को आधिकारिक रूप से प्रमाणित किया जाएगा और उन्हें भारतीय रेलवे को शामिल करने और नियमित सेवा के लिए सौंप दिया जाएगा।

क्यों खास है वंदे भारत स्लीपर

वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को ऑटोमैटिक दरवाजे, बेहद आरामदायक बर्थ, ऑन बोर्ड वाई-फाई और विमान जैसी डिज़ाइन जैसी सुविधाओं के साथ डिज़ाइन किया गया है। देश में यात्री पहले से ही मध्यम और छोटी दूरी पर चलने वाली 136 वंदे भारत ट्रेनों के माध्यम से शयन सीटों और विश्व-स्तरीय यात्रा अनुभव का आनंद ले रहे हैं।

Author: JITESH PRAJAPAT

Leave a Comment

Ads
Live
Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर