बूंदी। जिले के नैनवां स्थित महात्मा गांधी गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल के स्टूडेंट पुलिस कैडेट (एसपीसी) ने शुक्रवार को स्थानीय थाने का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली को नजदीक से समझा और विभिन्न प्रकार के अपराधों से निपटने के तरीकों की जानकारी प्राप्त की। थाना प्रभारी कमलेश कुमार ने छात्रों को पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस का मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों की सहायता करना है। जब भी कोई पीड़ित व्यक्ति थाने में शिकायत लेकर आता है, पुलिस तत्परता से कार्रवाई करती है। एसएचओ ने विशेष रूप से साइबर क्राइम, घरेलू हिंसा और महिला संबंधी अपराधों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने इन अपराधों की रोकथाम और प्रभावी कार्रवाई के लिए महत्वपूर्ण टिप्स साझा किए। कैडेट्स ने भी महिला अपराधों और चोरी की वारदातों को लेकर विभिन्न प्रश्न पूछे, जिनका एसएचओ ने विस्तार से जवाब दिया। यह कार्यक्रम स्टूडेंट पुलिस कैडेट स्कीम के तहत आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य छात्रों को पुलिस की कार्यप्रणाली से अवगत कराना और उनमें कानून की समझ विकसित करना
कैडेट ने पूछा- चोरी गया सामान पुरा बरामद करते हो
स्टूडेंट पुलिस के कैडेट ने अपराधों ओर उनके खिलाफ होने वाली कार्रवाई को लेकर पुलिस अधिकारियों से सवाल किए। कैडेट कृष्णा सैनी ने पूछा कि क्या चोरी की वारदात में पुरा सामान बरामद कर लौटाते हैं। इस पर एसएचओ ने जवाब देते हुए कहा कि पुलिस की पुरी कोशिश रहती है कि चोरी की वारदात में गए सामान की पूरी तरह से बरामदगी हो। उन्होंने हाल ही में दुगारी में हुई चोरी की घटना उदाहरण देते हुए कहा कि इस वारदात में पीड़ित का पूरा सामान बरामद किया गया। इसके अलावा कैडेट ने महिला अपराधियों को लेकर सवाल किए। इस दौरान स्टूडेंट पुलिस ने थाने के अलग अलग विभागों में जाकर वहां काम करने के तरीकों की जानकारी ली।
क्या है स्टूडेंट पुलिस कैडेट स्कीम
स्टूडेंट पुलिस कैडेट (SPC) स्कीम मे माध्यमिक स्तर के छात्रों को शिक्षा के साथ पुलिस की कार्यप्रणाली के साथ उसके काम करने के तरीकों का अध्ययन करवाया जाता है।इसके पीछे सरकार का उद्देश्य है कि समाज मे छात्र जीवन मे ही पुलिस की कार्यप्रणाली ओर उद्देश्य को लेकर युवा जागरूक होकर भविष्य मे बेहतर पुलिसिंग मे मददगार बनें। इसके अलावा छात्रों में पुलिस के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास करना भी शामिल है। यह प्रोग्राम चुने हुए सरकारी स्कूलों में संचालित होता है।