Explore

Search

May 9, 2025 7:35 pm


महात्मा गांधी हॉस्पिटल के गेस्ट्रो सर्जरी विभाग में हाइब्रिड तकनीक से आहार नली के कैन्सर का सफल ऑपरेशन

Picture of Pankaj Garg

Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

पहली बार हुई 3D थॉराकोस्कोपिक सर्जरी

जोधपुर। जिले के महात्मा गांधी अस्पताल के गेस्ट्रो सर्जरी विभाग ने पहली बार आहार नली के कैन्सर का ऑपरेशन हाइब्रिड तकनीक से करने में सफलता प्राप्त की हे। अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर फतेह सिंह भाटी ने बताया कि एमजीएच हॉस्पिटल में आहार नली,पेट,लिवर और पेनक्रियाज के कैन्सर के ऑपरेशन नियमित रूप से हो रहे हे, इसी कड़ी में अस्पताल के गेस्ट्रोसर्जरी विभाग ने नवाचार करते हुए इस बार आहार नली के कैंसर का ऑपरेशन हाइब्रिड तकनीक से किया है।

गेस्ट्रोसर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉक्टर दिनेश चौधरी ने बताया कि नागौर के डेगाना निवासी श्रीपाल मंडा को खाना निगलने में परेशानी हो रही थी मरीज़ ने जांच करवाई तो उसकी आहार नली में कैन्सर का निदान हुआ। पहले उसको रेडिएशन ओंकोलॉजी विभाग में रेडियोथेरेपी तथा कीमोथेरेपी दी गई उसके बाद महात्मा गाँधी हॉस्पिटल में ऑपरेशन के लिए रेफेर किया गया ।

कौनसा ऑपरेशन किया गया

आहार नली के कैन्सर के लिए एन-ब्लॉक एसोफ़ेजेक्टमी विथ टू फील्ड लिंफडीनेक्टोमी नामक ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन में अहरनाली को निकालने के लिए सामान्यतया तीन जगह चीरा लगाया जाता हे गर्दन,छाती पर और पेट में।इसमें जो चीरा छाती पर लगाते हे उसकी वजह से ऑपरेशन के बाद फेफड़ो के इन्फेक्शन का ख़तरा रहता हे ।

कौनसी तकनीक अपनाई गई

हाइब्रिड तकनीक से किया गया जिसमे छाती के चीरे की जगह ऑपरेशन प्रोन 3D थोरेकॉस्कोपिक तकनीक से अहारनली को फेफड़ो और हार्ट से अलग किया गया फिर पेट और गर्दन पर चीरा लगा के कैंसरग्रस्त अहरनाली को निकाला गया फिर आमाशय से दूसरी आहार नली बनाकर उसको गर्दन से जोड़ा गया। मरीज अभी एकदम स्वस्थ हे सामान्य रूप से भोजन ग्रहण कर पा रहा हे एक-दो दिन बादहॉस्पिटल से छुट्टी मिल जाएगी।

कितना समय लगा-

ऑपरेशन तीन अलग अलग चरणों में किया गया जिसमे सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक 8 घंटे बिना रुके लगातार चला। ऑपरेशन टीम-गेस्ट्रोसर्जरी के डॉक्टर दिनेश ने ऑपरेशन किया जिसमे डॉ विजय राव और विशाल धाकड़ का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।नर्सिंग ऑफिसर नगाराम देवासी,दिनेश गालवा और राजेंद्र मीणा ने सहयोग किया।

एनेस्थीसिया टीम-

विभागाध्यक्ष राकेश कर्णावत, चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉक्टर सरिता जनवेजा,सह आचार्य डॉक्टर प्रमिला सोनी,सहायक आचार्य डॉक्टर अनिशा डॉक्टर जितेंद्र डॉ अलिशा, डॉ हर्षित, डॉ मीरा  एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट और आईसीयू और पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड का रहा महत्वपूर्ण योगदान- निश्चेतना विभागाध्यक्ष डॉक्टर राकेश कर्णावत के अनुसार इस तरह के ऑपरेशन में मरीज ऑपरेशन के दौरान केवल एक फेफड़े से श्वसन देना होता ही साथ ही मरीज को प्रोन पोजीशन में उल्टा लिटाना होता है जो काफ़ी चुनौतीपूर्ण होता हे ऑपरेशन के बाद भी मरीज को आईसीयू में देखभाल की जरूरत होती हे । आईसीयू में इंचार्ज डॉक्टर शिखा सोनी के निर्देशन में देखरेख की गई । ऑपरेशन के बाद रिकवरी के लिए पोस्टऑपरेटिव वार्ड से नर्सिंग प्रभारी विनोद कुमार,नर्सिंग अधिकारी ओमप्रकाश खोजा,रितुकमल और निरमा ने सहयोग किया । ऑपरेशन टीम को प्राचार्य एवं नियंत्रक बी.एस.जोधा और अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर फतेह सिंह भाटी ने बधाई दी।

Author: JITESH PRAJAPAT

Leave a Comment

Ads
Live
Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर