बाड़मेर। गर्वनमेंट मेडिकल कॉलेज में अलग-अलग रैगिंग मामले में 14 मेडिकल छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की गई हैं। इसमें 8 छात्रों को हॉस्टल से सस्पेंड कर किया गया। वहीं 6 छात्राओं की ओर से गलती मानने पर उन्हें चेतावनी पत्र दिया गया। कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी की सोमवार को हुई मीटिंग में सभी पीड़ित और आरोपियों का पक्ष सुना गया। इसके बाद कमेटी सदस्यों से चर्चा कर सहमति से निर्णय लिया गया। एंटी रैगिंग कमेटी के को-चेयरमैन व जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ. बी.एल. मंसूरिया ने बताया- वॉट्सऐप पर शिकायत मिली थी। सोमवार को रैगिंग कमेटी की मीटिंग में वन बाय वन बच्चों से पूछताछ की गई। इसके बाद हॉस्टल के 8 छात्रों को कॉलेज से निष्कासित किया है। जिसमें 6 छात्रों को 15 दिन व 2 छात्रों को 2 महीनों के लिए हॉस्टल से निकाला गया हैं। वहीं रैगिंग मामले में सभी 6 छात्राओं को चेतावनी पत्र दिया है।
पहली बार मिली शिकायत
पीएमओ मंसूरिया ने बताया कि फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स जो अभी नए एडमिशन हुए है उनकी ओर से सोशल मीडिया पर शिकायत की गई थी। जिन पर आरोप लगे है वो सेकेंड ईयर के स्टूडेंट है। पहले इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। मंसूरिया का कहना है कि अभी तक स्टूडेंट्स क्या रैगिंग की है, इसके बारे में वो बता नहीं पा रहे है। कमेटी आज फिर से बयान ले रही है।
जूनियर और फ्रेशर्स के साथ रैगिंग
कॉलेज प्रबंधन को सीनियर स्टूडेंट्स की ओर से जूनियर और फ्रेशर्स के साथ रैगिंग करने की शिकायतें लगातार मिल रही थी। लेकिन पुख्ता कुछ नहीं मिलने और किसी का नाम सामने नहीं आ रहा था। पीड़ित भी नाम बताते से हिचकिचा रहे थे। इस बीच कुछ पीड़ितों स्टूडेंट्स की ओर से रैगिंग करने वाले छात्रों के नाम कमेटी सदस्यों के सोशल मीडिया ग्रुप में उजागर करने के बाद मीटिंग बुलाकर कार्रवाई को लेकर निर्णय लिया गया।
गर्ल्स हॉस्टल में बुलाकर की रैगिंग
सीनियर छात्राओं के एक ग्रुप ने जूनियर को गर्ल्स हॉस्टल में बुलाकर रैगिंग की। जब पीड़ित छात्राओं से कमेटी की ओर से पूछा गया, तो पहले तो छात्राओं ने नाम बताने से इनकार कर दिया। यह भी बताया कि सीनियर छात्राओं ने धमकी दी है कि उन्हें कॉलेज के कल्चरल इवेंट सहित अन्य प्रोग्रामों में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। इसके बाद कमेटी ने जब आश्वस्त किया तो पीड़ित छात्राएं सहज हुई और बोलने की बजाय सादे पेपर पर रैगिंग करने वाली छात्राओं के नाम लिखकर दिए। इस बीच अपनी बात रखने के दौरान एक-दो छात्राएं रो पड़ी। इस मामले में रैगिंग करने वाली छात्राओं को कमेटी ने बुलाया और पूछा तो काफी देर तक तो सभी 6 छात्राओं ने रैगिंग से मना कर दिया। जब उन्हें सख्त कार्रवाई करने की बात कही तो उन्होंने माना कि गर्ल्स हॉस्टल में फोन करके कुछ छात्राओं को अपने ब्लॉक में बुलाया था। इस मामले में कमेटी की ओर से सभी 6 छात्राओं को चेतावनी पत्र दिया गया है।
8 छात्रों को हॉस्टल से निकाला
कमेटी की मीटिंग में रैगिंग के मामले में 2 छात्रों को 2 माह के लिए और 6 को 15 दिन के लिए कॉलेज के हॉस्टल से निष्कासित किया है। वहीं इससे पहले उनका पक्ष सुना गया और कमेटी ने उन्हे रैगिंग में शामिल होना बताया। कमेटी ने बताया कि उनके पास पूरे मामले के वीडियो और फोटो भी है, जो उनके खिलाफ सबूत है। वहीं पीड़ित छात्रों ने उनके नाम बताए है। इसके बाद भी 2 छात्र अपनी बात पर अड़े रहे कि उन्होंने रैगिंग नहीं की। इस पर कमेटी ने निर्णय लेते हुए दोनों को 2 महीनों के हॉस्टल से निकाल दिया। इस तरह रैगिंग करने के दूसरे मामले में 6 छात्रों को 15 दिनों के हॉस्टल से निष्कासित किया है। इन छात्रों ने भी रैगिंग के आरोप नकार दिए। इस मामले में भी पीड़ित छात्रों ने सभी सीनियर छात्रों के नाम कमेटी को लिखकर दिए थे।
आज हो सकती है और सख्त कार्रवाई
कमेटी की जानकारी यह भी आया है कि रैगिंग मामले में कुछ और स्टूडेंट्स भी शामिल है। जिनके खिलाफ भी कार्रवाई को लेकर मंगलवार को मीटिंग होगी। इस मीटिंग में सोमवार को लिए गए निर्णय पर विचार होगा। जिसमें रैगिंग करने वाले छात्र-छात्राओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई को लेकर निर्णय हो सकता है। कॉलेज में सोमवार की बैठक में कमेटी को-चैयरमैंन व अधीक्षक डॉ.बीएल मंसूरिया, संयोजक डॉ. दिनेश परमार, डॉ. अरविंद चंदौरा, डॉ. कुशल भरंग, डॉ. अभिजीत जोशी, डॉ. एमएल खत्री, डॉ. दीपक तंवर, डॉ. महावीर चोयल, डा. ज्योति पांडे, डॉ. अरुण डी राणा सहित सदस्य मौजूद रहे।