नागौर। नागौर समेत देश के कुछ जिलो में 8-10 दिसंबर को विशेष पल्स पोलियो महाभियान चलाया गया। नागौर में जन्म से 5 वर्ष तक के बच्चो को 2 लाख 83 हजार 589 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य पिलाने का लक्ष्य रखा गया था। सीएमएचओ डॉ. जुगल किशोर सैनी ने बताया कि 3 दिवसीय महाभियान में 2 लाख 73 हजार 441 बच्चो को पोलियो की दवा पिलाई गई। इसके तहत पहले दिन 1670 बूथों पर 5450 टीकाकर्मी, 228 सुपरवाइजर, 148 मोबाइल टीम तथा 148 ट्रांजिट टीमों के प्रयासों से 1 लाख 95 हजार 400 बच्चो को दवा पिलाई गई।
महाभियान के दूसरे दिन 9 दिसंबर को स्वास्थ्य कार्मिकों ने डोर टू डोर जाकर वंचित बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई। अभियान के दूसरे दिन 44 हजार 703 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई गई। दूसरे दिन वैक्सीनेशन में विशेष रूप से घूमंतू वर्ग, झुग्गी झोपड़ियों और वंचित इलाके में बच्चों को दवा पिलाई गई। जिले के आला अधिकारियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर पोलियो अभियान की समीक्षा की और 5 साल तक के बच्चों को पोलियों की दवा से महरूम ना रखने की अपील की।
उप राष्ट्रीय टीकाकरण पल्स पोलियो अभियान-2024 अभियान के अंतिम दिन भी स्वास्थ्य कर्मियों ने घर-घर पहुंचकर 33 हजार 338 वंचित बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई। तीसरे दिन नागौर शहर में नेहरू कॉलोनी, महाराणा प्रताप कॉलोनी, सांसी बस्ती, गाछा बस्ती, रेलवे स्टेशन, पुराना बस स्टैण्ड व रोडवेज बस स्टैण्ड, सुभाष कॉलोनी, जैन दादाबाड़ी के पास वाले क्षेत्र में, टैगोर स्कूल के पास सहित आसपास के क्षेत्र सहित जिले में विभिन्न जगहों पर पहुंचे स्वास्थ्य कर्मियों ने वंचित बच्चों को चिन्हित कर उन्हें पोलियो की खुराक पिलाई। स्वास्थ्य कर्मियों ने जिले में कई विद्यालयों में जाकर वंचित बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की आरआरटी पल्लवी राव ने बताया कि इसी वर्ष 2024 में पाकिस्तान और अफगानिस्तान में कई पोलियो एक्टिव केस सामने आए हैं। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन पूरे विश्व को पोलियो फ्री करने के प्रति काफी गंभीर है। चूंकि भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से लंबा बॉर्डर शेयर कर रहा है, इसलिए संक्रमण के विभिन्न माध्यमों को देखते हुए विशेष सतर्कता बरती जा रही है। राजस्थान के कुछ जिलों को उप राष्ट्रीय टीकाकरण पल्स पोलियो अभियान के श्रेणी में रखते हुए ग्राउंड लेवल पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। ताकि पोलियो फ्री भारत का टैग मेंटेन रखा जा सके।