जोधपुर। सेवानिवृत सरकारी कर्मचारी को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसाने की धमकी देकर डिजिटल अरेस्ट करने और 1.84 करोड़ रुपए ठगने के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। बनाड़ थाना पुलिस ने किराए का खाता उपलब्ध करवाने वाले आरोपी युवक को अहमदाबाद से गिरफ्तार किया है। आरोपी युवक ने डेढ़ लाख रुपए में अपना खाता किराए पर दिया था। उसके खाते में 75 लाख रुपए जमा कराए गए थे। इसके अलावा बनाड़ थाना पुलिस ने अलग-अलग खातों में जमा 47.34 लाख रुपए फ्रीज करवाए हैं। आरोपी युवक अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह से जुड़ा हुआ है। पुलिस उससे और साथियों के बारे में पूछताछ कर रही हैं।
75 लाख रुपए खाते में ट्रांसफर करवाए थे
मामला सामने आने के बाद पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह और डीसीपी (पूर्व) आलोक श्रीवास्तव के निर्देश पर एडीसीपी (पूर्व) वीरेंद्र सिंह राठौड़ और एसीपी (मंडोर) नगेंद्र कुमार के सुपरविजन में बनाड़ थानाधिकारी प्रेमदान रत्नू के नेतृत्व में टीम बनाई। पुलिस ने अहमदाबाद निवासी पटेल सागर उर्फ भरत कुमार (35) पुत्र भरतलाल को हिरासत में लेकर पूछताछ की। जिसमें उसने ठगी के 75 लाख रुपए खाते में जमा होना कबूला। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे रिमांड पर भेजा है। आरोपी युवक अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह से जुड़ा हुआ है।
टेलीकॉम अथॉरिटी कंपनी का कर्मचारी बताया
प्रभात नगर निवासी नरेश कुमार बैरवा ने बनाड़ थाने में 25 नवंबर को रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया कि किसी अनजान व्यक्ति ने उनको कॉल कर खुद को टेलिकॉम अथॉरिटी कंपनी का कर्मचारी बताया। ठग ने आधार कार्ड से नंबर जारी कर ब्लैकमेलिंग की शिकायत दर्ज होना बताकर मुंबई की साइबर क्राइम ब्रांच से जोड़कर एक और ठग से बात कराई थी। जिसने मनी लॉन्ड्रिंग में संदिग्ध होना बताया गया था। उसे गिरफ्तारी के साथ ही जान का खतरा होने का डर भी बताया गया था। आरोपियों ने 27, 28 व 29 नवंबर को डिजिटल अरेस्ट के दौरान वृद्ध से 11 चेक से 10 खाते में ट्रांसफर करवा लिए थे।
अलग-अलग 10 खातों जमा करवाए रुपए
बनाड़ थानाधिकारी रतनू ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट से 1.84 करोड़ रुपए की ठगी के बाद ठगों ने उन रुपयों को अलग-अलग 10 खातों में जमा करवाए। इनमें से 75 लाख रुपए पटेल सागर के अहमदाबाद में बैंक खाते में जमा कराए गए थे। बदले में उसे 1.50 लाख रुपए कमीशन देकर ठग बाकी बचे 73.50 लाख रुपए लेकर चला गया। इस मामले में पुलिस जांच कर रही है।
Author: AKSHAY OJHA
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