पाली। राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों पर लगाम लगाने के लिए कमेटी बना कर कार्रवाई शुरू कर दी है। टीम ने सीईटीपी फाउंडेशन के पूर्व सचिव अरुण पोरवाल सहित 4 फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की है। पोरवाल की फैक्ट्री मरुधरा फैब टैक्स में अवैध पैट कॉक कोयले का उपयोग कब से उपयोग किया जा रहा और कहां से खरीदा जा रहा? इसकी जानकारी मांगी। सूचना नहीं देने पर बोर्ड द्वारा फैक्ट्री का कंसेंट टू ऑपरेट निरस्त कर दिया। आरपीसीबी टीम ने महाराजा टेक्सटाइल्स मिल्स, मेट्रो इंडस्ट्रीज और रोहित फेब टेक्स सहित तीनों औद्योगिक इकाई रोटेशन क्लोजर के दिन भी संचालित होते हुए मिला। हैरत की बात तो यह है कि नया गांव में गरीब नवाज इंडस्ट्रीज नाम से एक चूड़ी फैक्ट्री बिना कंसेंट के संचालित होती हुई मिली। टीम ने चारों कंसेंट टू ऑपरेट निरस्त कर बिजली कनेक्शन काटने और सीईटीपी को इनका प्रदूषित पानी ट्रीटमेंट प्लांट में नहीं लेने कही हिदायत दी है।
पेट कॉक कोयला में सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक होती है। जब यह कोयला जलता है तो सामान्य कोयले की तुलना में दो गुना अधिक प्रदूषण करता है। इसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने 1 नंवबर 2017 में राजस्थान के अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में पेट कॉक कोयला और फर्नेस ऑयल के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद से पाली के इंडस्ट्रियल क्षेत्र में भी पेटकॉक कोयला बैन है। प्रदूषण मंडल पाली के आरओ अमित सोनी ने बताया कि बोर्ड द्वारा चार फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की गई। नियम विरुद्ध चलने के कारण चारों फैक्ट्रियों का कंसेंट टू ऑपरेट निरस्त किया गया है। नया गांव में एक फैक्ट्री बिना कंसेंट के भी संचालित होती पाई गई। जिस पर भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।