अलवर राजीविका में चल रहा खुला भ्रष्टाचार,राज्य स्तर से जांच कमेटी गठित
राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद यानी राजीविका अलवर में पिछले कुछ समय से जमकर भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। हाल ही में बहरोड कर्मियों की ओर से बहरोड़ थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ था जिसमें की राजकीय राशि के गबन का मामला बताया गया था लेकिन इसके बाद राजीविका के निदेशक के निर्देश पर राज्य परियोजना प्रबंधक वित्त की ओर से जारी ताजा आदेशों में जिला अलवर में बहरोड राजीविका कार्यालय में हुई वित्तीय अनियमितता के आरोप पर राज्य स्तरीय टीम का गठन किया गया है । यह टीम दो और तीन सितंबर को अलवर आकर बहरोड और अलवर कार्यालय के दस्तावेजों का निरीक्षण करके अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी और शिकायतकर्ताओं के बयान भी लेगी । बताया जा रहा है कि सरकारी राशि को गलत तरीके से उठाया गया है। यहां तक की सरकारी राशि को छोटे बच्चों के खातों में भी भेजा गया है । वित्तीय रूप से अनियमितताएं की गई है और सरकारी राशि का गबन करते हुए सरकारी राशि को निजी उपयोग में लिया गया है । इसमें राजीविका की एक बडी अफसर का नाम भी सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि यह अफसर पहले बहरोड में कार्यरत रही है और वर्तमान में बहरोड की ही रहने वाली है। यहां काम करने वाली एक संविदा कर्मी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि दो महिला अधिकारियों के पति भी यहां के कामों में काफी हस्तक्षेप करते हैं और पैसे की मांग करते हैं । हालांकि यह जांच का विषय है।
*फोन पर महिला अफसर बोली दो दिन में सब ठीक कर लो*
राजीविका बहरोड की सरकारी राशि का गबन करने वाली एक महिला से फोन पर बात करते समय अलवर राजीविका की एक महिला अफसर बोली की जो सरकारी राशि खा रखी है उसको दो दिन में ठीक कर लो वरना मुकदमा दर्ज करवा दूंगी। इसके बाद यह ऑडियो वायरल हुआ तो लोगों ने कहा कि जब राजीविका की महिला अफसर को यह बात पता है कि सरकारी राशि को इधर-उधर किया गया है तो 2 दिन में ठीक करने की हिदायत क्यों दी जा रही है , मुकदमा क्यों दर्ज नहीं कराया जा रहा । लोगों का कहना है कि दो दिन बाद यहां टीम आ रही है शायद इसीलिए यह बात कही गई है। यह भी बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों पहले एक आवेदक ने अलवर राजिवीका कार्यालय में केवल 9 महीने के भुगतान स्वीकृति आदेशों की कॉपी मांगी तो अलवर राजिविका की ओर से उत्तर दिया गया कि यहां सीमित कार्मिक है और सूचना करीब 50000 पेज की है । आवेदक ने अब पहली अपील राज्य सरकार के पास भेज कर कहा है कि जांच कराई जाए कि आखिर 9 महीने में 50000 भुगतान स्वीकृति आदेश के पन्ने और बिल कैसे इस कार्यालय में तैयार हो गए और सूचना भी दी जाए । शिकायतकर्ताओं को कहना है कि यहां पिछले समय से काफी भ्रष्टाचार का बोलबाला है और अधिकारियों की शह पर ऐसा खेल चल रहा है। केवल बहरोड ही नहीं सभी ब्लॉक में गलत भुगतान हुए हैं । रिश्वत की राशि जिले के अफसर तक गई है।
Author: AKSHAY OJHA
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