शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों को किए जाने वाले भुगतान से संबंधित गलत सूचना देने पर एक आवेदक की अपील पर राज्य सूचना आयोग ने जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा को नोटिस जारी कर 21 दिन में सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश प्रदान किए हैं । साथ ही 26 नवंबर 2024 को इस मामले में राज्य सूचना आयोग के कोर्ट में पेशी भी निर्धारित की गई है।
उल्लेखनीय है कि आवेदक द्वारा शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से निजी स्कूलों को किए जाने वाले लंबित भुगतानों की सूचना मांगी थी लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक शिक्षा) ने राज्य सूचना आयोग के किसी फैसले का हवाला देकर कहा था कि निजी स्कूल आरटीआई एक्ट के दायरे में नहीं आते इसलिए सूचना नहीं दी जाएगी।
इस पर आवेदक ने प्रथम अपील अधिकारी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी के सामने पहली अपील लगाई थी जिस पर कार्रवाई नहीं होने पर आवेदक की ओर से राज्य सूचना आयोग में दूसरी अपील पेश की गई थी । आवेदक का कहना है कि जिस फैसले का हवाला माध्यमिक शिक्षा अधिकारी ने देकर सूचना नहीं दी उस फैसले की प्रति भी मांगने पर उपलब्ध नहीं कराई ।
आवेदक की ओर से शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों को जो भुगतान माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से किया जाता है उसकी सूचना मांगी गई थी लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी ने सूचना को निजी स्कूलों से जुड़ा हुआ बताया जबकि भुगतान जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से ही किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि अलवर के कई निजी स्कूलों को शिक्षा के अधिकार के तहत मिलने वाली बड़ी राशि लंबे समय से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अटकी हुई है। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के एक कर्मचारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कई स्कूलों की राशि अटकी हुई है ।
कुछ बिल ट्रेजरी भिजवाए गए थे लेकिन उन पर आक्षेप लगने पर बीकानेर कार्यालय गए हुए हैं। राज्य सूचना आयोग में गया मामला दिखवाया जाएगा।
Author: Namaste Rajasthan PANKAJ GARG
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