जोधपुर। जिले में महिला डॉक्टर को 24 घंटे तक डिजिटल अरेंस्ट कर उसके साथ 6 लाख रुपए की ठगी के ममाले में पुलिस आगे से आगे कड़ी जोड़ती जा रही है। पुलिस ने अब इस मामले में गुजारात से दो, यूपी से एक व एमपी से एक युवक को गिरफ्तार किया है। तीनों युवकों को पुलिस कुड़ी थाने लेकर आई। इनसे इस ठगी के बारे में पूछताछ की जा रही है। इससे पहले पुलिस ने जोधपुर के दो युवकों को गिरफ्तार किया था। अभी तक सामने आया है कि इन चारों के खातों में महिला डॉक्टर से ठगी के पैसों को डाला गया था। कुड़ी थानाधिकारी राजेंद्र चौधरी ने बताया कि पुलिस ने गुजरात के जामनगर निवासी जुमाभाई समा पुत्र अलीभाई समा (37), जामनगर पडाना निवासी प्रदीपसिंह परमार उर्फ पदुभाई पुत्र बहादुरसिंह (32), यूपी जलोन निवासी पंकज सेंगर पुत्र समथरसिंह सेंगर (20) व इंदोर खजराना निवासी अनस अहमद पुत्र जुबेर अहमद (20) को गिरफ्तार कर थाने लाई है। इन चारों से महिला डॉक्टर के साथ हुई ठगी के बारे में पूछताछ की जा रही है।
चारों के खातों में पैसा हुआ था ट्रांसफर
पुलिस ने बताया- महिला डॉक्टर के पैसों को सबसे पहले जोधपुर गुड़ा विश्नोईयान निवासी कालू विश्नोई नाम के व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर किया गया था। कालू विश्नोई के खाते में ठगी का पैसा आते ही कुछ ही देर में पांच अगल – अलग खातों में पैसों को ट्रांसफर कर दिया गया। यह खाते पकड़ में आए जुमाभाई, प्रदीपसिंह, पंकज सेंगर व अनस अहमद के थे। जिनकी जानकारी बैंक से लेने के बाद पुलिस ने इन सभी को पकड़ के लिए टीमें रवाना की थी।
गिरोह तक पहुंचने के हो रहे प्रयास
थानाधिकारी राजेंद्र चौधरी ने बताया कि महिला डॉक्टर से ठगी के मामले में पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। पुलिस लिंक से लिंक जोड़कर कर आरोपियों तक पहुंच रही है। पुलिस जल्द ही इस गिरोह के सरगना तक पहुंच जाएगा।
यह था मामला
आपको बता दे कि जयपुर हाल जोधपुर निवासी नम्रता माथुर पुत्री देव आनंद माथुर (31) ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट में बताया- वह व्यास डेंटल कॉलेज में डॉक्टर है। 20 सितंबर की शाम को 4 बजे उनके मोबाइल पर एक वीडियो कॉल आया। कॉल करने वाले ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी और खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी विजय कुलकर्णी बताया था। उसने डिजास्टर इन्वेस्टिगेशन के लिए एप्लीकेशन लिखवाई और एप्रुव्ड कर वापस भेजा था। आरोपियों ने कहा कि उनके आधार कार्ड से लिंक एक खाता मुंबई की कैनरा बैंक में चल रहा है। उस खाते में अवैध गतिविधियों के लिए रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है। इसको लेकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया गया है। उनके सभी डॉक्युमेंट और बैंकों के बारे में ऑनलाइन जांच की जाएगी। इसके बाद ठगों ने डॉक्टर को एक PDF भेजा, जिसमें उसे डिजिटल अरेस्ट बताया गया। इसके बाद ठगों ने महिला डॉक्टर से उनके बैंक खातों और फिक्स डिपोजिट के बारे में जानकारी ली। पूछताछ के बाद चार लेटर भेजे, जिसमें सीबीआई के साथ एग्रीमेंट, एसेट सीजर, अरेस्ट वारंट और केस रिपोर्ट पेपर भी थे। पीड़िता के खाते को सुप्रीम कोर्ट के सीक्रेट सुपरविजन खाते से जोड़ने का कहा। यह सब सरकारी कागज देखकर डॉक्टर घबरा गईं और डर कर सारी जानकारी ठगों को दे दी। ठगों ने महिला डॉक्टर को 21 सितंबर की दोपहर 2 बजे तक वीडियो कॉल पर रखा और 6 लाख रुपए एक खाते में आरटीजीएस करवा लिए थे।