भरतपुर/बाड़मेर। राजधानी दिल्ली ही नहीं, इस समय देश के कई शहर प्रदूषित हवा के संकट से जूझ रहे हैं। इनमें से 39 तो विश्व के सबसे प्रदूषित 100 शहरों की सूची में शामिल हैं। ये आंकड़ा एस एंड पी ग्लोबल मोबिलिटी का है। इस बात में हैरानी नहीं है कि इस सूची में राजस्थान के भी कई शहर शामिल हैं। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का एयर क्लालिटी एंडेक्स बताता है कि बीते सात दिनों में भिवाड़ी, चूरू, झुंझुनूं, नागौर, सीकर तथा करौली की हवा बेहद खराब रही है। इन्हें गंभीर तथा बहुत खराब हवा वाले शहरों की श्रेणी में रखा गया है। गंभीर उन्हें बताया है जहां की हवा स्वस्थ व्यक्ति को भी प्रभावित कर सकती है तथा बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए खतरनाक है। बहुत खराब वह है जहां की हवा में ज्यादा समय रहना श्वास तंत्र से जुड़ी बीमारियां पैदा कर सकता है। दरअसल इन शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 7 दिन में (14 नवंबर से 20 नवंबर तक) कई बार 300 से ऊपर रहा। इनमें से भिवाड़ी का एक्यूआई 15 नवंबर को 322, 17 नवंबर को 345, 18 नवंबर को 447 तक जा पहुंचा था। वहीं चुरू का 17 नवंबर को 375 तथा 18 नवंबर को 401 पर रहा। वहीं झुंझुनूं का एक्यूआई 18 नवंबर को 399 रहा है। इससे एक दिन पहले भी यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 348 तक रहा। भिवाड़ी के औद्योगिक क्षेत्र होने की वजह से यहां प्रदूषण ज्यादा है। इन दिनों हरियाण से पराली जलाने से होने वाला धुआं इस प्रदूषण को और बढ़ा रहा है। वहीं चूरू, सीकर तथा झुंझुनूं पंजाब से सटे होने के कारण, वहां पराली जलाने की घटनाओं का नुकसान झेल रहे हैं।
ये जिले सबसे कम प्रदूषित
बीते 7 दिनों में प्रदेश में सबसे शुद्ध हवा सिरोही की रही। यहां 5 दिन एक्यूआई 100 से नीचे रहा। 19 तथा 20 नवंबर को एक्यूआई क्रमशः 70 व 73 आंका गया। सबसे शुद्ध हवा वाले शहरों में धौलपुर, बाड़मेर, बारां, भीलवाड़ा, भरतपुर, प्रतापगढ़, अजमेर तथा अलवर भी शामिल रहे। धौलपुर का इस सप्ताह का सबसे कम एक्यूआई 80, बाड़मेर का 82, भीलवाड़ा 83, अलवर 85, प्रतापगढ़ 92, बारां 94, अजमेर 97 रहा। इनमें से प्रतापगढ़ का एक्यूआई 3 दिन 100 से कम रहा।