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December 27, 2024 12:28 am


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बीकानेर पूर्व राजघराने में प्रॉपर्टी को लेकर विवाद : थाने तक पहुंचे बुआ-भतीजी की प्रॉपर्टी का झगड़ा;जूनागढ़ समेत तीन प्रॉपर्टी को लेकर विवाद

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

बीकानेर। उदयपुर के बाद अब बीकानेर पूर्व राजघराने का प्रॉपर्टी विवाद सामने आ गया है। बीकानेर पूर्व विधायक सिद्दी कुमारी और उनकी बुआ राज्यश्री की प्रॉपर्टी को लेकर बीछवाल थाने में मामला दर्ज हुआ है। मंगलवार को दर्ज हुए क्रॉस केस में एक मामला सिद्दी कुमारी पर होटल चलाने वाली एजेंसी और दूसरा मामला बुआ पर सिद्धी कुमारी के ट्रस्ट की ओर से संपत्ति खुर्द-बुर्द करने का मामला दर्ज हुआ है। दरअसल, बीकानेर के पूर्व राजघराने के पास अरबों रुपए की सम्पति है। इसमें लालगढ़ पैलेस, लक्ष्मी निवास पैलेस, जूनागढ़ शामिल है। इन तीनों की वर्तमान बाजार कीमत अरबों रुपए में आंकी जा रही है। इन्हीं पर अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए महाराजा करणी सिंह की बेटी और अंतरराष्ट्रीय शूटर राज्यश्री कुमारी व करणी सिंह के बेटे नरेंद्र सिंह की बेटी सिद्धि कुमारी के बीच विवाद है। दोनों इन पर अपने-अपने ट्रस्ट का अधिकार जता रही हैं। गौरतलब है कि 11 महीने पहले भी सिद्धि कुमारी ने अपनी बुआ और पूर्व महाराजा करणी सिंह की बेटी राज्यश्री पर धोखाधड़ी और गलत तथ्य पेश करने का आरोप लगाते हुए बुआ समेत तीन लोगों पर केस किया था।

विधायक सिद्धि कुमारी पर एफआईआर में ये लगाए आरोप

बीछवाल थाने में दो एफआईआर दर्ज हुई है। इसमें एक एफआईआर सिद्धि कुमारी के खिलाफ हुई है जो राज्यश्री कुमारी या उनके किसी ट्रस्ट सदस्य ने कराई है। ये एफआईआर लक्ष्मी निवास होटल को संचालित करने वाले मैसर्स गोल्डन ट्राइंगल फोर्ट्स एंड पैलेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के राजीव मिश्रा ने दर्ज कराई है।

मिश्रा का आरोप है- सिद्धि कुमारी उन्हें होटल संचालित करने में अड़चन पैदा कर रही है। एफआईआर में कहा गया है कि सिद्धि कुमारी के पिता नरेंद्र सिंह ने उनकी फर्म के साथ 19-19 साल की तीन लीज डीड पर 15 जून 1999 को हस्ताक्षर किए थे। 57 साल के लिए हुई इस लीज के बदले उन्हें भुगतान किया गया। इसके बाद भी विधायक सिद्धि कुमारी और उनकी बहन महिमा कुमारी पैलेस से बेदखल करने का डर दिखाकर फरवरी 2011 तक चैक से चार करोड़ रुपए वसूल लिए। बाद में लीज आगे नहीं बढ़ाने पर रुपए वापस नहीं लौटाए।

राज्यश्री पर एफआईआर में ये लगाए आरोप

उधर, सिद्धि कुमारी से जुड़े ट्रस्ट में कोषाध्यक्ष की हैसियत से संजय शर्मा ने बीछवाल थाने में मामला दर्ज कराया है। पुलिस के अनुसार महाराजा गंगा सिंह ट्रस्ट, करणी चैरिटेबल फंड्स ट्रस्ट, करणी सिंह फउंडेशन ट्रस्ट और महारानी श्री सुशीला कुमारीजी रिलीजियस एंड चैरिटेबल ट्रस्ट में स्वयं को ट्रस्टी और कोषाध्यक्ष बताते हुए संजय शर्मा ने एफआईआर दी है।

इसमें आरोप है- देवस्थान विभाग ने राजस्थान पब्लिक ट्रस्ट के प्रावधानों के तहत नए बोर्ड ऑफ ट्रस्टी का नाम संशोधित कर दिया। इसके बाद जब 29 मई 24 को चार्ज लिया तो पता चला कि सामान खुर्द-बुर्द कर दिया गया है। महत्वपूर्ण दस्तावेज लेकर चले गए हैं। इस एफआईआर में राज्यश्री कुमारी, मधुलिका कुमारी के साथ ही वहां काम करने वाले हनुवंत सिंह, गोविन्द सिंह ओर राजेश पुरोहित के खिलाफ एफआईआर करवा दी।

इन ट्रस्टों के कारण विवाद

महाराजा करणी सिंह के समय और इसके बाद कुछ ट्रस्ट गठित किए गए। इनमें महाराजा गंगा सिंह ट्रस्ट, महाराजा राय सिंह ट्रस्ट, करणी सिंह फाउंडेशन, करणी चैरिटेबल ट्रस्ट व महारानी सुशीला कुमारी ट्रस्ट का गठन किया गया। इन पांचों ट्रस्ट को पहले करणी सिंह की बेटी राज्यश्री कुमारी ही देखती थी दरअसल, महाराजा करणी सिंह ने राज्यश्री को कुछ अधिकार दिए थे। जिसके बाद अधिकांश ट्रस्ट में वो ही सर्वेसर्वा रहीं।

किस ट्रस्ट के पास क्या?

वर्तमान में गंगा सिंह ट्रस्ट के अधीन लालगढ़ पैलेस और लक्ष्मी निवास पैलेस है। ये दोनों फाइव स्टार होटल के रूप में संचालित हो रहे हैं। लालगढ़ और लक्ष्मी निवास की वर्तमान कीमत अरबों रुपए में आंकी जा रही है। दोनों पैलेस एक ही परिसर में है, जो कई बीघा जमीन पर बने हुए हैं। बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धि कुमारी लालगढ़ के ही एक हिस्से में निवास रहती हैं। पहले राजमाता सुशीला कुमारी भी लालगढ़ के इसी हिस्से में रहती थी। उनके निधन के बाद से सिद्धि कुमारी यहां रहती हैं।

वहीं दूसरी तरफ रायसिंह ट्रस्ट के अधीन जूनागढ़ है। जहां प्राचीना नाम से एक म्यूजियम का संचालन वर्तमान बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धि कुमारी करती हैं। ये संचालन उनके विधायक बनने से पहले से सिद्धि कुमारी के पास ही है।

सुशीला कुमारी के निधन के बाद बढ़ा विवाद

पूर्व महाराजा करणी सिंह की पत्नी राजमाता सुशीला कुमारी के निधन के बाद बुआ राज्यश्री और भतीजी सिद्धि कुमारी के बीच विवाद बढ़ गया। दरअसल, इसके बाद देवस्थान विभाग के एक आदेश ने राजघराने के विवाद को बढ़ा दिया। इस आदेश में देवस्थान विभाग के उदयपुर मुख्यालय ने सिद्धि कुमारी को ट्रस्ट का अधिकार दे दिया। राज्यश्री ने इसी आदेश को लेकर अदालत में वाद दायर कर दिया। वहीं सिद्धि कुमारी ने पूरे ट्रस्ट को ही बदल दिया। अब सभी पांच ट्रस्ट विवादित हो गए। इन ट्रस्टों पर राज्यश्री का अपना दावा है, वहीं सिद्धि कुमारी का अपना दावा है। दोनों ने अपने-अपने समर्थकों को इसमें शामिल किया है। विवाद से पहले सिद्धि कुमारी इन ट्रस्टों में थी लेकिन मीटिंग में नहीं आने सहित कुछ शिकायतों के चलते उन्हें हटा दिया गया था।

सम्पति पर मालिकाना हक का झगड़ा

दरअसल, सभी ट्रस्ट पूर्व राजघराने की संपति पर मलिकाना हक जताते हैं। जो इन ट्रस्ट पर अधिकृत तौर पर काबिज होगा, वो ही इन संपत्तियों का संचालन भी करेगा। ऐसे में लालगढ़, लक्ष्मी निवास और जूनागढ़ पर आधिपत्य की ये लड़ाई पुलिस थाने तक पहुंच गई है।

Author: JITESH PRAJAPAT

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