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December 2, 2024 4:32 pm


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झुंझुनूं के स्टूडेंट का चीन में हृदय रोग पर रिसर्च : प्रतिष्ठित हेल्थ जर्नल में हुआ प्रकाशित, MBBS के चार छात्रों की टीम में था शामिल

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

झुंझुनूं। चीन की शिनजियांग मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की इंटर्नशिप के दौरान भारत के चार छात्रों ने वृद्ध लोगों में कोरोनरी हृदय रोग विषय पर रिसर्च कर भारत का नाम रोशन किया है। रिसर्च का लेख वर्ल्ड जर्नल ऑफ बायोलॉजी फार्मेसी एंड हेल्थ साइंस में प्रकाशित हुआ है। इन छात्रों में सचिन, अनुज कुमार पांडे, कुलवीर सिंह देवल तथा बलराज शामिल हैं। इनमें से एक छात्र सचिन पुत्र दिलीप खेदड़ झुंझुनूं जिले सीथल के पास स्थित खेदड़ों की ढाणी निवासी है।

65 साल से अधिक उम्र के लोगों पर किया अध्ययन

महिला व पुरुष रोगियों के डायग्नोस्टिक टेस्ट, कोरोनरी इंजीग्राम, ईसीजी, इकोकार्डियोग्राफि आदि होल्डिंग टेस्ट किए। गर्भवती महिलाओं को इससे बाहर रख गया। दो साल तक हुई रिसर्च के दौरान इन छात्रों ने हृदय रोग के 65 साल से अधिक उम्र के लोगों पर विस्तार से अध्ययन किया। रिसर्च के बाद चारों छात्रों ने अपनी रिपोर्ट यूनिवर्सिटी को सौंपी। उसके बाद चीन की सभी यूनिवर्सिटी के वीसी की कॉन्फ्रेंस के दौरान रिपोर्ट को विषय विशेषज्ञों के पास भेजा गया।

विशेषज्ञों ने माना कि इन छात्रों ने चीन में एक क्रॉस सेक्शनल अध्ययन कर दो साल तक रिसर्च किया है। उन्होंने माना कि दुनिया भर में कोरोनरी हृदय रोग वृद्ध रोगियों और स्वास्थ्य सेवा एजेंसियों के लिए समान रूप से बड़ी चिंता का विषय है। रिसर्च के दौरान इन छात्रों ने व्यायाम आधारित हृदय को सुरक्षित माना है। उसके बाद चीन की सरकार ने चारों छात्रों का विशेष स्कॉलरशिप के लिए चयन किया है।

मधुमेह से पीड़ित महिलाओं में स्ट्रोक का खतरा ज्यादा

मेडिकल के इन छात्रों के रिसर्च के बाद वर्ल्ड जर्नल ऑफ बायलॉजी फार्मेसी एंड हेल्थ साइंस में प्रकाशित लेख के अनुसार कोरोनरी हृदय रोग मधुमेह से पीड़ित महिलाओं में स्ट्रोक का खतरा अधिक रहता है, जो पुरुषों की तुलना में 25 प्रतिशत ज्यादा है।

तम्बाकू, मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता कोरोनरी हृदय रोग के लिए महत्वपूर्ण जोखिम माना जाता है। इसको रोकने के लिए एक प्रभावी जीवनशैली रणनीति को माना जाता है। हृदय रोग, 65 से अधिक उम्र के लोगों में मौत का सबसे बड़ा कारण है। इसका निदान और उपचार करना तब मुश्किल हो जाता है जब एक ही निदान और उपचार वाले युवा रोगियों और हृदय की समस्या वाले वरिष्ठ लोगों के उपचार के दौरान महत्वपूर्ण विसंगतियां सामने आ जाती हैं।

इन चारों भारतीय छात्रों ने एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान अक्टूबर 2022 से मई 2024 तक विभिन्न रोगियों पर अध्ययन किया। सचिन ने अपने दादा स्वर्गीय अध्यापक मूलचंद खेदड़ तथा दादी वैदकोरी को अपना प्रेरणा स्रोत बताया है।

सीएचडी से बचाव के उपाय

नियमित व्यायाम : हफ्ते में कम से कम 150 मिनट की शारीरिक गतिविधि करें, जैसे तेज चलना, साइकिल चलाना या तैरना।

संतुलित आहार : अधिक फाइबर, सब्जियां, फल, और कम वसा वाले पदार्थों का सेवन करें।

तनाव प्रबंधन : योग, ध्यान और गहरी श्वास जैसी तकनीकों से तनाव को नियंत्रित करें।

धूम्रपान और शराब से परहेज : तंबाकू और अत्यधिक शराब से दूर रहें, ये हृदय को नुकसान पहुंचाते हैं।

वजन पर नियंत्रण : संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से स्वस्थ वजन बनाए रखें।

कोरोनरी हृदय रोग के प्रमुख कारण

उच्च रक्तचाप : धमनियों में रुकावट और रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है।

मधुमेह : अधिक शर्करा स्तर रक्तवाहिनियों को नुकसान पहुंचा सकता है।

धूम्रपान : ये दिल की सेहत को सीधे प्रभावित करते हैं।

तनाव : लगातार तनाव रक्तचाप में वृद्धि का कारण बनता है।

Author: JITESH PRAJAPAT

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