झुंझुनूं। पशुपालकों के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें पशुओं के बीमा की प्रीमियम राशि नहीं भरनी पडे़गी। मुख्यमंत्री मंगला पशु योजना के तहत पशुओं का फ्री में बीमा होगा। पूरी राशि खुद राज्य सरकार ही वहन करेगी। पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पशुपालक 12 जनवरी 2025 तक किसी भी ई-मित्र पर पंजीकरण करा सकते है। इस योजना से झुंझुनूं जिले के करीब 12 लाख 20 हजार 530 पशुपालक लाभान्वित होंगे। योजनांतर्गत पहले 5-5 लाख दुधारू गाय व भैंस, 5-5 लाख भेड़ व बकरी तथा 1 लाख उष्ट्र वंशीय पशुओं का बीमा किया जाएगा।
योजना के तहत लाभ लेने के लिए सभी जनाधार कार्ड धारक पशुपालक पात्र होंगे। पशुपालकों को बीमा विभाग के ऐप या सॉफ्टवेयर पर आवेदन करना होगा। बीमा के लिए लॉटरी द्वारा पशुपालकों का चयन किया जाएगा। गोपाल क्रेडिट कार्ड धारक व लखपति दीदी पशुपालकों को चयन में प्राथमिकता दी जाएगी। अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए क्रमशः 16 व 12 प्रतिशत आरक्षण का भी प्रावधान किया गया है।
इससे पहले एससी, एसटी व बीपीएल पशुपालकों के पशुओं के बीमा की 70 प्रतिशत प्रीमियम राशि तथा अन्य वर्ग के पशुपालकों के पशुओं के बीमा की 50 प्रतिशत प्रीमियम राशि सरकार भर्ती थी।
एक साल के लिए होगा बीमा
सड़क दुर्घटना, आकाशीय बिजली गिरने, प्राकृतिक आपदा, जहरीला घास खाने, सांप व कीडा काटने, किसी बीमारी आदि में मृत्यु होने पर बीमा क्लेम मिलेगा। 21 दिवस के ग्रेस पीरियड के बाद ही पशु की मृत्यु होने की स्थिति में क्लेम का भुगतान होगा। यह बीमा एक वर्ष के लिए किया जाएगा व पशुपालक को इसके लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा।
बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, उम्र व दुग्ध उत्पादन क्षमता के आधार किया जायेगा, लेकिन किसी भी स्थिति में बीमा की अधिकतम राशि 40 हजार रुपए से अधिक नहीं होगी। पशु पालक द्वारा पशु की बिक्री या उपहार में दिए जाने की स्थिति में बीमा पॉलिसी समाप्त मानी जाएगी। बीमित पशु की मृत्यु होने पर पशु पालक द्वारा शीघ्र ही इसकी सूचना बीमा विभाग को देनी होगी।
पशुओं की उम्र निर्धारित
पशुओं के बीमा के लिए निर्धारित उम्र अनुसार गाय की उम्र 3 से 12 वर्ष व भैंस की 4 से 12 वर्ष होनी चाहिए। इसी प्रकार बकरी व भेड़ की उम्र 1 से 6 वर्ष व ऊंट की उम्र 2 से 15 वर्ष होनी चाहिए। योजना का क्रियान्वयन ट्रस्ट मोड पर राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग द्वारा किया जाएगा। पशुपालन विभाग नोडल विभाग होगा। बीमा के लिए पशुओं की टैगिंग अनिवार्य है। चयनित पशुपालक के अधिकतम दो दुधारू पशु (गाय, भैंस अथवा दोनों) तथा 10 बकरी या 10 भेड़ या एक उष्ट्र वंश पशु का निःशुल्क बीमा किया जाएगा। यह बीमा उन्हीं पशुओं का होगा जो किसी अन्य योजना के तहत बीमित नहीं है।