जैन संत सुकन मुनि महाराज का पावन धाम में हुआ मंगल प्रवेश
संत वही जो दूसरों के लिए जीता है – सुकन मुनि
पाली (राधेश्याम दाधीच)। कस्बे में स्थित जैन समाज की आस्था श्रद्धा भूमि मरुधर केसरी पावन धाम में जैन संत प्रवर्तक सुकन मुनि महाराज, उपाध्याय रमेश मुनि महाराज, उपप्रवर्तक अमृत मुनि महाराज, महेश मुनि महाराज, दीपेश मुनि महाराज, अखिलेश मुनि महाराज, डॉ वरुण मुनि महाराज आदि संतों का मंगल प्रवेश हुआ। इस मौके पर प्रवर्तक सुकन मुनि महाराज ने कहा कि संत शब्द सुनते ही मन में पवित्रता, सेवा और त्याग का भाव जाग उठता है। संत वे होते हैं जो समाज को सही मार्ग दिखाते हैं और मानवता की सेवा में अपना जीवन लगा देते हैं। वे परमात्मा शक्ति के साक्षात रूप होते हैं और अपने ज्ञान और अनुभव से लोगों को आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
उपाध्याय रमेश मुनि महाराज ने कहा कि संत महिमा का अर्थ है संतों के गुणों और कृत्यों का महानता। संतों की महिमा का वर्णन शब्दों में करना असंभव है। वे अपने जीवन से सिद्ध करते हैं कि मनुष्य कितना महान बन सकता है।
उपप्रवर्तक अमृत मुनि महाराज ने बताया कि संत अपना सब कुछ त्याग कर समाज की सेवा करते हैं। वे धन, वैभव, सुख-दुख सब कुछ त्याग देते हैं। संतों के हृदय में सभी जीवों के लिए करुणा का भाव होता है। वे सभी को समान रूप से देखते हैं। मरुधर केसरी मिश्रीमल महाराज जीते जागते दिव्य विभूति है आज भी उनके नाम स्मरण से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है।
मरुधर केसरी पावन धाम ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष विमल मुथा ने बताया कि मरुधर केसरी पावन धाम में विश्व विख्यात जैन सन्त श्रमण सूर्य दिव्य विभूति मरूधर केसरी वरिष्ठ प्रवर्तक मिश्रीमल महाराज की 41 वीं पुण्यतिथि का आयोजन दिनांक 12 जनवरी 2025 को आयोजित किया जा रहा है। इस विशाल स्तरीय आयोजन को लेकर मरूधर केसरी स्थानकवासी जैन यादगार समिति ट्रस्ट के कार्यकर्ता व्यवस्थाओं हेतु जुटे हुए हैं।
सहमंत्री अशोक बंब ने बताया कि राजस्थान सिंहनी शत वर्षीय साध्वी महासती पुष्पवती महाराज उपप्रवर्तिनी महासती राजमती महाराज आदि ठाणा 7 शासन प्रभाविका महासती कंचन कंवर महाराज आदि ठाणा 3, महासती विश्व वंदना महाराज आदि ठाणा 2 का पावन धाम में पदार्पण हो चुका है। प्रतिदिन समाधि स्थल में आराधना भक्ति का कार्यक्रम जारी है।
मंगल प्रवेश के अवसर पर मानकचंद डागा, तेजराज बंब, विमल मुथा, प्रकाशचंद कटारिया, तखतराज लोढ़ा, अशोक बंब, अर्जुन कटारिया, मीठालाल दुग्गड, ज्ञानचंद हिरण जोधपुर, पदम कोठारी राधेश्याम दाधीच आदि मौजूद रहें।