कोटा। राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय झालावाड़ में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मोतीलाल रिणवा की ओर से झूठे शपथ पत्र और फर्जी दस्तावेज के जरिए नौकरी लगने का मामला सामने आया है। मामले में न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम 2, कोटा के आदेश पर दादाबाड़ी थाने में मामला दर्ज हुआ है। कोर्ट के आदेश से दर्ज FIR में मोतीलाल, उनके बेटे हर्ष और कमला सरपंच निवासी डेगाना नागौर को आरोपी बनाया है।
कोटा के सामाजिक कार्यकर्त्ता हेमंत पांचाल और तरुण गौतम ने कोटा न्यायालय में परिवाद दायर कर कोर्ट से मुकदमा दर्ज कर जांच की मांग की थी। शिकायतकर्ता हेमंत पांचाल और तरुण गौतम ने बताया कि 16 साल तक एक असिस्टेंट प्रोफेसर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से पाई नौकरी करता रहा लेकिन किसी ने भी इस पर कार्रवाई नहीं की। संतानों के भिन्न-भिन्न जन्म और अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमाण-पत्र कैसे बने यह जांच का विषय है? अधिकारियों की मिलीभगत से यह अपराध हुआ। अब कोर्ट के आदेश से मामला दर्ज हुआ है। जांच में सब साफ हो जाएगा।
वकील नरेश स्वामी एवं सुजीत स्वामी ने बताया- मामले में अभी पहला मुकदमा दर्ज होने के आदेश हुए है। पहले भी लीगल नोटिस द्वारा मामले को राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय झालावाड़ तथा राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (RTU) कोटा के संबन्धित अधिकारियों को सूचित कर दिया गया था। यह मुकदमा उनको दर्ज करवाना चाहिए था। उन्होंने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उल्टा आरोपी को बचाया। जिन-जिन अधिकारियों की ओर से मामले को दबाने अथवा छुपाने में मदद की गई। उनपर भी मुकदमा दर्ज करवाकर जांच करवाई जाएगी और नियमनुसार वसूली भी करवाई जाएगी।
राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी कोटा (आरटीयू) के संगठक कॉलेज के यांत्रिकी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मोतीलाल रिणवा पर संतान संबंधित गलत जानकारी का झूठा शपथ-पत्र देकर नौकरी प्राप्त करने, अधिकारियों से मिलीभगत कर संतानो के भिन्न-भिन्न तारीखों के जन्म-प्रमाण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप है। इसके अलावा उनके पुत्र हर्ष रिणवा का गलत दस्तवेजो के आधार पर बनवाए गए जाति प्रमाण-पत्र के जरिये आरटीयू कोटा में डायरेक्ट एडमिशन बी.टेक-2023 में आवेदन करने का भी आरोप है।
ये था मामला
मोतीलाल रिणवा असिस्टेंट प्रोफेसर यांत्रिकी विभाग झालावाड इंजीनियरिंग कॉलेज ने जॉइनिंग के 4 साल बाद 2012 में संतान संबंधी शपथ पत्र पेश किया था। शपथ पत्र में पांच बच्चों के जन्म के बारे में जानकारी दी। जिसमें सबसे छोटे बेटे का जन्म अप्रैल 2002 का बताया। जबकि सबसे छोटे बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र उसके जन्म के 10 साल बाद 2 मई 2012 को व संस्थान में शपथ पत्र देने के मात्र 8 दिन पहले 10 मई 2012 को जारी हुआ। जबकि सबसे छोटे बेटे की माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर द्वारा जारी की गई मार्कशीट में जन्म तारीख अप्रैल 2006 है। शपथ पत्र में दी गई जानकारी व मार्कशीट में अंकित डेट ऑफ बर्थ में 4 साल का अंतर है।