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March 19, 2025 8:13 am


राजस्थान हॉस्पिटल एक बार फिर विवादों में घिरा : इल्लीगल अबॉर्शन के मामले में जांच करने पहुंची CMHO की टीम, कब्जे में लिए डाक्यूमेंट्स

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

चित्तौड़गढ़। राजस्थान हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर कामिल हुसैन एक बार फिर विवादों में है। यहां इल्लीगल तरीके से अबॉर्शन करने का मामला फिर से तूल पकड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। भीलवाड़ा की एक महिला ने इसकी शिकायत की है। इस पर सीएमएचओ ने एक टीम गठित कर बुधवार दोपहर को हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। यहां से मिले सभी डॉक्यूमेंट को अपने कब्जे में लिया और हॉस्पिटल के डॉक्टर, कर्मचारियों की भी जांच शुरू कर दी है। इधर, डॉक्टर कामिल का कहना है कि उन्हें कोई पर्सनल टारगेट कर रहा है। जबकि उनपर लगे आरोप हमेशा से गलत साबित हुए है। भीलवाड़ा में एक महिला के सोनोग्राफी देखे बिना ही उसे प्रेग्नेंट बता दिया गया। जबकि वह प्रेग्नेंट भी नहीं थी। उसके बाद उसके एक सोनोग्राफी केंद्र से सोनोग्राफी करवा कर उसकी प्रेगनेंसी को कंफर्म कर दिया गया। साथ ही, अबॉर्शन के लिए चित्तौड़गढ़ के राजस्थान हॉस्पिटल पहुंचा भेज दिया गया। यहां पहुंचने के बाद महिला को बिना किसी रजिस्ट्रेशन के ऑपरेशन थिएटर तक ले जाया गया। इस खबर के बाहर आते ही सीएमएचओ ताराचंद गुप्ता ने एक टीम का गठन किया और राजस्थान हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने डॉक्टर कामिल हुसैन से पूछताछ की और सभी डाक्यूमेंट्स अपने कब्जे में ले लिया। डॉक्टर ताराचंद गुप्ता ने बताया कि यहां के डॉक्टर और कर्मचारियों के भी जांच की जाएगी। सभी डाक्यूमेंट्स ले लिए गए और उनके विस्तृत रूप से जांच करने के बाद अगर गलत पाया गया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऑपरेशन थिएटर के रजिस्ट्रेशन के मामले में भी एंट्री नहीं करवाना गलत काम की ओर इशारा करता है। टीम को पेशेंट की एंट्री को लेकर प्रारंभिक रूप से कुछ गड़बड़ियां भी नजर आई, जिसकी डिटेल में जांच की जाएगी।

वहीं, अपने आप को गाइनेकोलॉजिस्ट खाने वाले डॉक्टर कामिल हुसैन का कहना है कि महिला ने दिसंबर महीने में व्हाट्सएप पर अपनी रिपोर्ट भेजी थी, उसमें भ्रूण का विकास नहीं होना जैसी समस्या दिखाई दे रही थी। इस पर उन्हें अबॉर्शन करवाने का एडवाइस दिया गया लेकिन 2 महीने तक वह महिला नहीं आई। इसके बाद जब वह आई तो उन्हें यह बताया गया कि अभी देरी हो चुकी है, अबॉर्शन ना करवाया जाए। लेकिन वो नहीं मानी। आरोपी डॉक्टर कामिल का कहना है कि उसने इनरोल करवाया था जिस पर पेशेंट का साइन भी किया हुआ है। इसके अलावा उसे ऑपरेशन थिएटर नहीं बल्कि लेबर रूम में लेकर जाया गया, जहां उसका सिर्फ चेकअप किया जाना था। क्योंकि पेशेंट की प्राइवेसी का सवाल था। डॉ कामिल ने बताया कि उन पर पहले भी कई आरोप लगे हैं, लेकिन वह सिर्फ एक आरोप ही है। उनका कोई भी दोष आज तक सिद्ध नहीं हुआ है। उन्हें पर्सनली कोई टारगेट करता है। जबकि यहां पर कई लोग, कई डॉक्टर अवैधानिक रूप से काम कर रहे हैं लेकिन बार-बार सिर्फ उन्हें ही टारगेट किया जा रहा है।

Author: JITESH PRAJAPAT

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