जैसलमेर। एसीबी ने शनिवार को ट्रेप की कार्रवाई करते हुए खेतोलाई पीएचसी की डाटा एंट्री ऑपरेटर के पति को 1700 रुपए की रिश्वत राशि के साथ पकड़ा। बताया जा रहा है कि डाटा एंट्री ऑपरेटर शारदा ने एक आशा सहयोगिनी के टीए-डीए कि राशि को स्वीकृत करने के लिए रिश्वत कि मांग की थी। जैसलमेर एसीबी ने ASP नरपतचंद के नेतृत्व में आशा सहयोगिनी की शिकायत के आधार पर रिश्वत मांगने की बात को तसदीक करते हुए शनिवार को ट्रेप की कार्रवाई की। जैसलमेर एसीबी ने ओढ़ानीया गांव में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पति कपिल विश्नोई (27) को 1700 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। फिलहाल डाटा एंट्री ऑपरेटर शारदा विश्नोई एसीबी के हत्थे नहीं चढ़ी है। एसीबी शारदा की तलाश कर रही है।
मिली जानकारी के अनुसार एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर कार्यालय अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जैसलमेर द्वारा आज कार्यवाही करते हुए कपिल पुत्र आशाराम जाति विश्नोई उम्र 27 साल निवासी खेतोलाई तहसील पोकरण जिला जैसलमेर को पकड़ा। दलाल, शारदा विश्नोई कम्प्युटर ऑपरेटर संविदा कर्मी पीएचसी खेतोलाई के पति द्वारा परिवादी से क्लेम कार्य की प्रोत्साहन राशि के बिल वेरीफाई करने, कम्प्यूटर में अपलोड कर बिलों का भुगतान करने की एवज में 1700 रुपए रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक पुलिस डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि ए.सी.बी. जैसलमेर इकाई को एक शिकायत इस आशय की मिली कि परिवादी के क्लेम कार्य की प्रोत्साहन राशि के बिल वेरीफाई करने, कम्प्यूटर में अपलोड कर बिलो का भुगतान करने के एवज में शारदा विश्नोई हाल कम्प्युटर ऑपरेटर संविदा कर्मी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खेतोलाई द्वारा रिश्वत 1700 रुपये रिश्वत की मांग कर परेशान किया जा रहा है। जिस पर नरपत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीबी चौकी जैसलमेर के नेतृत्व में आज ट्रेप कार्यवाही करते हुए आरोपी कपिल पुत्र आशाराम जाति विश्नोई उम्र 27 साल निवासी खेतोलाई तहसील पोकरण जिला जैसलमेर दलाल (आरोपिया शारदा का पति) परिवादीया के क्लेम कार्य की प्रोत्साहन राशि के बिल वेरिफाई करने, कम्प्यूटर में अपलोड कर भुगतान करवाने के एवज में 1700 रुपए राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है और शारदा विश्नोई की तलाश जारी है। एसीबी की अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस स्मिता श्रीवास्तव के सुपरविजन में आरोपी से पूछताछ तथा कार्यवाही जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा।