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March 23, 2025 10:19 pm


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4567 लीटर तेल-घी सीज : त्यौहारी सीजन में एक्टिव हुई खाद्य सुरक्षा विभाग टीम

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

पालीहोली के त्योहारी सीजन में मिलावटी के संदेह पर 4 हजार 567 लीटर तेल व घी सीज करने की कार्रवाई की गई। होली के त्योहार पर मिलावट की रोकथाम के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेशचन्द ने बताया की मिलावट के संदेह पर 4 हजार 567 लीटर तेल व घी सीज किया गया। इसमें सुमेरपुर से भगवती ब्राण्ड का घी, सोजत सिटी से चेतक ब्राण्ड का मूंगफली तेल, पाली से सोया कार्तिक बहार तेल व अन्य ब्रान्ड का घी सीज कर जांच के लिए सेम्पल लिए गए। जिन्हें जोधपुर जन स्वास्थ्य खाद्य प्रयोगशाला में जांच के लिए भिजवाया गय। जांच नमूनों की खाद्य रिपोर्ट प्राप्त होने पर भारतीय खाद्य मानक अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। CMHO डॉ विकास मारवाल ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेशचन्द के नेतृत्व में मिलावटखोरों पर अंकुश लगाने के लिए अनेक खाद्य पदार्थो के 1 माह में 50 से अधिक सेम्पल जांच के लिए भेजे गए है। इन सभी सेम्पलों को मुख्य खाद्य विश्लेषक राज्य केन्द्रीय जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला जयपुर भिजवाया गया। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर भारतीय खाद्य मानक अधिनियम 2006 व विनियम 2011 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जिले में मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई को अंजाम देने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा धारा 64 के तहत 3 बार से अधिक सेम्पल फेल होने वाली फर्मो को चिन्हित कर उनके लाइसेंस निरस्त की कार्रवाई की जाएगी। एफएसओ ने बताया की जिले में त्योहार के सीजन के तहत अधिकाशः खाद्य पदार्थो में मिलावट का कार्य होने की सूचना प्राप्त हो रही है। ऐसे में दैनिक जीवन में उपयोग में ली जाने वाली खाद्य सामग्री दूध, मिठाईया, पनीर, नमकीन, मसाले, तेल, घी, बेकरी के आईटम के बढ़ती खपत को देखते हुए इन पदार्थो में मिलावट करने वालो के खिलाफ प्रभारी कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा। सीएमएचओ डॉ विकास मारवाल खाद्य ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक तहसील मुख्यालय पर खाद्य लाइसेंस शिविरों का आयोजन हो रहा है। इसके बावजूद भी खाद्य कारोबारकर्ता द्वारा लाइसेंस नहीं बनाने पर उनके खिलाफ भारतीय खाद्य मानक प्राधिकरण द्वारा जारी खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 एवं विनियम 2011 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

Author: JITESH PRAJAPAT

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