Explore

Search

April 23, 2025 8:00 am


नियमों से अंजान बने नगर निगम/नगर परिषद भीलवाड़ा के अधिकारी : स्वायत शासन विभाग के बनाए नियमों/अधिसूचना की खुले आम अधिकारी उड़ा रहे है धज्जियां

Picture of Pankaj Garg

Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

भूरूपांतरण की पत्रावलियां क्यों भेजी जा रही है नियम विरूद्ध सभापति/महापौर को, कौन जिम्मेदार, क्या है राज….???

सांठ गांठ का चल रहा है बड़ा खेल, क्यों किया जाता है आदेशों/अधिसूचनाओं/परिपत्रों को दर किनार, आमजन को किया जाता है गुमराह, लिया जाता है बड़ा अदृश्य लाभ

क्यों है राजस्थान के बड़े आलाधिकारी व जिले के अधिकारी मौन, भ्रष्टाचार के इस खेल के पीछे कौन है सरगना……..? कौन मिलीभगत कर भ्रष्टाचार को दे रहे बढ़ावा….???

मुख्यमंत्री राजस्थान की जीरो टोलरेंस नीति की अधिकारी उड़ा रहे धज्जियां…..????

भीलवाड़ा। राजस्थान सरकार जो वर्तमान में भाजपा की होकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व मुख्य सचिव सुधांश पंत के नेतृत्व में नगरीय एवं आवासन विभाग द्वारा आमजनता को राहत देने के लिए समय – समय पर कई अधिसूचनाएं एवं परिपत्र जारी किए थे जिसके अंतर्गत राजस्थान सरकार नगरीय एवं आवासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक – प.11(8)नविवि/2020 दिनांक 14.10.2024 राजस्थान नगरीय क्षेत्र भू- उपयोग परिवर्तन (संशोधन) नियम 2021 दिनांक 24.02.2021 के नियम-2 के उपनियम-3 की टिप्पणी (ii) एवं (iii) के तहत निर्धारित प्रावधान के अन्तर्गत सक्षम स्तर से अनुमोदन पश्चात् एतद् द्वारा भू-उपयोग परिवर्तन के अधीन नियंत्रण हेतु भू-उपयोग नियंत्रण (तकनीक मापदण्ड) हेतु निम्नानुसार विकास प्रोत्साहन एवं नियंत्रण उपविधियां (Development Promotion & Control Regulations) लागू किये थे।

भूरूपांतरण की पत्रावली में अध्यक्ष, नगर विकास न्यास/सभापति, नगर परिषद/अध्यक्ष, नगर पालिकाओं की कोई भी भूमिका नहीं रहती हैं न ही इनके द्वारा किसी तरह का कोई हस्तक्षेप किया जा सकता हैं फिर भी राज्य सरकार के अधिकारियों आयुक्त, विकास प्राधिकरण/सचिव, नगर विकास न्यास/आयुक्त,नगर निगम व नगर परिषद/अधिशाषी अधिकारी, नगर पालिका द्वारा अनावश्यक रूप से नगर निगम भीलवाड़ा में विधि विपरीत जाकर बनाए नियमों की खुले रूप से धज्जियां उड़ाते हुए पद का दुरुपयोग करते हुए राजस्थान की आमजनता के साथ भ्रष्टाचार का घिनौना खेल खेल रहे हैं  जिसे रोका जाना नितान्त आवश्यक हैं जब भूरूपांतरण की पत्रावली जारी अधिसूचना के बिन्दू सं. 7 में स्पष्ट अंकित है कि पट्टे शुदा/लीजडीड शुदा/पूर्व रूपांतरित/आबादी भूमि का इनमें उल्लेखित उपयोग से भिन्न उपयोग चाहे जाने पर निम्नानुसार भू-उपयोग परिवर्तन की कार्यवाही की जानी होगी- लेकिन भीलवाड़ा नगर निगम में खुलेआम भ्रष्टाचार के खेल को अधिकारियों द्वारा सांठ गांठ के चलते नियम विरूद्ध जाकर भूरूपांतरण की पत्रावलियां भेजी जा रही है महापौर को क्यों…..???

बिन्दू सं. 7 (क) के क्रम में यदि पट्टे/लीजडीड में उल्लेखित उपयोग से चाहा गया परिवर्तित उपयोग दोनों ही मास्टर प्लान/जोनल डवलपमेंट प्लान के भू-उपयोग में डीपीसीआर के अनुसार अनुज्ञेय (Permitted) उपयोग में आते हैं तो दो राज्य स्तरीय समाचार पत्रों में आपत्ति आमंत्रित की जाकर चाहा गया उपयोग तकनीकी मापदण्डों अनुसार परीक्षण उपरांत निर्धारित शुल्क जमा करवाया जाकर स्थानीय निकाय के सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृत किया जाकर भू-उपयोग परिवर्तन आदेश जारी किये जा सकेंगे।

बिन्दु संख्या 7 (क) में जो सक्षम अधिकारी अंकित किए गए हैं वो अधिसूचना की पृष्ठ सं. 14 के बिन्दु सं. 18 में स्पष्ट अंकित किए गए हैंः-

निकाय के सक्षम अधिकारी से तात्पर्य आयुक्त, विकास प्राधिकरण/सचिव, नगर विकास न्यास/आयुक्त, नगर निगम व नगर परिषद/अधिशाषी अधिकारी, नगरपालिका से है। कहीं भी भूरूपांतरण की जारी अधिसूचना क्रमांक – प.11(8)नविवि/2020 दिनांक 14.10.2024 में सक्षम अधिकारी अध्यक्ष, नगर विकास न्यास/सभापति, नगर परिषद/अध्यक्ष, नगर पालिकाओं को नहीं बताया गया हैं फिर भी क्यों व किस दबाव में या कितना बड़ा अदृश्य लाभ बांटने की नियत से बनाए नियमों की अवहेलना करते हुए सक्षम अधिकारी क्यों भूरूपांतरण की पत्रावलियों को अध्यक्ष, नगर विकास न्यास/सभापति, नगर परिषद/नगर निगम, महापौर/अध्यक्ष, नगर पालिकाओं को भेजते हैं, साथ ही भीलवाड़ा नगर निगम में भी आयुक्त हेमाराम चैधरी द्वारा नियम विपरीत जाकर भूरूपांतरण की पत्रावलियां महापौर को भेजी जा रही है। क्या आयुक्त को नियमों की जानकारी नही हैं या राज्य सरकार द्वारा जारी परिपत्रों की किसी को लाभ पहुंचाने की नियत से पद का दुरुपयोग करके धज्जियां उड़ाई जा रही हैं..? इसकी अगर सूक्षमता से जांच की जाए तो निश्चय ही बहुत बड़ा खुलासा होगा।

नियमों का ज्ञान नहीं सिर्फ और सिर्फ आमजन को परेशान कर अदृश्य लाभ प्राप्त करने का ज्ञान….????

जब राजस्थान सरकार के नगरीय विकास एवं आवासन विभाग ने दिनांक 14.10.2024 को ही अधिसूचना क्रमांक – प.11(8)नविवि/2020 जारी कर दी थी तो क्या राजस्थान सरकार के अधिकारियों आयुक्त, विकास प्राधिकरण/सचिव, नगर विकास न्यास/आयुक्त,नगर निगम व नगर परिषद/अधिशाषी अधिकारी, नगर पालिका को अधिसूचना दिनांक 14.10.2024 के संबंध में जानकारी नहीं थी या सांठ गांठ कर जनता को हैरान व परेशान करने के लिए भ्रष्टाचार का दूषित खेल खेला जा रहा था। क्यों उपरोक्त अंकित अधिकारियों द्वारा नियमों/अधिसूचना/परिपत्रों को ताक में रखकर अपने पद का पूर्णतः दुरुपयोग करते हुए पत्रावलियों को क्यों व किस दबाव में अनावश्यक रूप से सभापति/महापौर व अन्य चुने हुए राजनैतिक व्यक्तियों को भेजी जा रही थी और पत्रावली पर अनावश्यक भार बढ़ाया जा रहा था जब अधिकारियों को ही विभागीय जारी नियमों, अधिसूचना परिपत्रों व अन्य का ज्ञान ही नही है तो क्या ऐसे अधिकारी फील्ड पोस्टिंग के अधिकारी है..? क्यों वस्त्रनगरी भीलवाड़ा में ऐसे अधिकारियों को लंबे समय तक फील्ड पोस्टिंग दी जाती है..? इसके पीछे ऐसा क्या राजनैतिक कारण व दबाव है, क्यों बार बार स्थानांतरण होने के बाद भी किस दबाव में स्थानांतरण रोक दिया जाता हैं। जिससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि सरकार के अधिकारियों द्वारा मिलीभगत का कितना बड़ा खेल अपने आप को बचाने के लिए खेला जाता है जिससे राजनैतिज्ञों का संरक्षण मिलता रहे और लंबे समय तक एक ही पद पर बैठकर मन मुताबिक भ्रष्टाचारी कृत्यों को बैखोफ होकर अंजाम देते रहे हैं….???

जिला कलेक्टर की मीटिंग में हमेशा व्यस्त रहते अधिकारी अथवा कमरा बंद कर मीटिंग करते अधिकारी……………

जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू ने भीलवाड़ा पदभार ग्रहण करते ही एक अनुठी पहल की जोकि एक न भुलने वाला उदाहरण हैं। कलेक्टर भीलवाड़ा अपने कार्यालय का दरवाजा हमेशा खुला रखते है जिससे आमजनों को यह मालुम चल सके कि कलेक्टर साहब अपने कार्यालय में है और अपने कार्य को कर रहे हैं। इस संदर्भ में जिलाधीश भीलवाड़ा द्वारा जिले के सभी अधिकारियों को अपने अपने कार्यालय के दरवाजे खोलने के आदेश दिए थे पर नगर निगम भीलवाड़ा में तो स्थिति यह है कि या तो आयुक्त महोदय हमेशा जिलाधीश भीलवाड़ा के यहां मीटिंगों में व्यस्त होते है या वीसी में होते है और नगर निगम कार्यालय में होते हैं तो आयुक्त के कार्यालय के कमरे के दोनों गेट अंदर से बंद होते है और बाहर होमगार्ड व ऑफिस बॉय से मालूम करने पर मालूम होता है कि साहब अंदर मीटिंग में व्यस्त है मीटिंग चल रही हैं तो क्या जिलाधीश भीलवाड़ा के आदेशों का भी अधिनस्थ अधिकारियों को कोई डर या भय नहीं हैै ऐसे क्या महत्वपूर्ण वार्तालाप है जो कमरा बंद करके ही किए जा सकते हैं। क्या अधिकारी कार्य दिवस में भी अगर अपने आप को जिलाधीश भीलवाड़ा की मीटिंगों में व्यस्त होना बताएगा तो ऐसे में आमजनता का क्या होगा…..??? जनता के कार्यो का क्या होगा..? सरकार द्वारा जब हर चीज को ऑनलाइन किया जा रहा है तो आज भी कई कार्यों को ऑफलाईन किसके आदेश से किया जा रहा है..? ऑनलाइन के माध्यम से सरकार द्वारा हर एक पत्रावली निस्तारण का समय सीमा निश्चित कर रखा हैं। फिर भी कई पत्रावलियों में अकारण नोटिंग करके लंबित किया जाता है कौन है इसका जिम्मेदार………………….??????

Author: JITESH PRAJAPAT

Leave a Comment

Ads
Live
Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर